भोपाल.राजधानी के निकट आगामी कुछ सालों में देश के प्रसिद्ध चारधाम मंदिरों की प्रतिकृति के रूप में करीब 25 करोड़ की लागत से शक्ति और भक्ति का एक बड़ा केंद्र स्थापित हो जाएगा। इसकी शुरुआत शहर से 18 किमी दूर रातीबड़ के रसूलिया गोसाईं ग्राम में 61 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा के निर्माण के साथ हो चुकी है। इसे प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, उसकी चार फीट ऊंचाई को शामिल कर लिया जाए तो प्रतिमा 65 फीट ऊंची दिखाई देगी। खुले आसमां तले बनी इस प्रतिमा पर देश के कई स्थानों से मंगाए रंगों का मूर्तिकार ने इस तरह लेपन (केमिकल ट्रीटमेंट) किया है कि प्रतिमा सूर्य की किरणें पड़ने के साथ ही आलोकित और आकर्षक स्वरूप में दिखाई देगी। प्रतिमा का इसी माह के अंत तक पूजा-अर्चना कर लोकार्पण करने की तैयारी की जा रही है।
- चार धाम मंदिरों का निर्माण न्यू मार्केट हनुमान मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता आरसी जैन ने बताया कि रातीबड़ के पास ट्रस्ट की चार एकड़ भूमि है। यहां बद्रीनाथ, द्वारिका, केदारनाथ व रामेश्वरम् धाम की तर्ज पर चार मंदिरों का निर्माण होगा। भूमिपूजन के बाद समतलीकरण का काम किया जा चुका है। यहां धर्मशाला, गुरुकुल, वृद्धाश्रम, वाचनालय की स्थापना भी की जाएगी।
- ट्रस्टी पं. गोपाल मेहता ने बताया कि प्रतिमा काफी आकर्षक बनी है। भोपाल जिले की संभवत: यह सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को इसके लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अभी तिथि तय किया जाना है।
- इस स्थान को शक्ति साधना व भक्ति के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। मेहता के अनुसार अध्यक्ष जैन, सचिव सुभाष बड़कुर व अन्य ट्रस्टी यहां पहुंचकर निर्माण संबंधी देखरेख करते हैं। प्रशासन से उनकी मांग है कि यहां तक पहुंचने के लिए मार्ग का निर्माण कराए।
महाराष्ट्र के कलाकार ने दिया रूप
- अध्यक्ष जैन ने बताया कि इसी परिसर में 61 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस पर 20 लाख से अधिक राशि खर्च हुई है। यहां पर बड़ा प्लेटफॉर्म बनाकर उस पर प्रतिमा का निर्माण महाराष्ट्र समाज के मूर्तिकार दुलारे प्रसाद ने किया है।
- दुलारे ने बताया कि प्रतिमा को बनाने में दो साल का समय लगा। इस पर देश के विभिन्न स्थानों से मंगाए गए उच्च क्वालिटी के रंगों का उपयोग किया गया है, जिससे यह धूप व बारिश में खराब न हो। नीचे 20 फीट गहराई से क्रांकीट व लोहे से बेसेंट तैयार किया गया है।
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