नेशनल डिश नहीं बनेगी खिचड़ी, यह सिर्फ रिकॉर्ड के लिए: मंत्री की सफाई
Thu, Nov 2, 2017 6:50 PM
नई दिल्ली. खिचड़ी नेशनल फूड नहीं बनेगी, बल्कि यह कोशिश वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए की जा रही है। मोदी सरकार में फूड प्रॉसेसिंग मिनिस्टर हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करके यह सफाई दी है। दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन होना है। इसमें 800 किलो खिचड़ी बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिश होगी। बता दें कि पहले खबर थी कि खिचड़ी को देश के नेशनल फूड का दर्जा मिलने वाला है। फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री ने केंद्र सरकार को इसके लिए प्रपोजल भेजा है। मिनिस्ट्री ने खिचड़ी के पक्ष में 3 तर्क भी दिए थे, जिनसे केंद्र सहमत है।
- खबरों में कहा गया था कि इंडियन कुजीन का दर्जा खिचड़ी को ‘गुड फूड’ मानकर दिया जा रहा है। 800 किलो खिचड़ी बनाने के लिए 1000 लीटर क्षमता और 7 फीट व्यास वाला बर्तन चूल्हे पर चढ़ेगा। पूरी खिचड़ी अनाथ बच्चों में बांटी जाएगी।
- इस पर हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्वीट में लिखा, "काल्पनिक नेशनल फूड पर खूब खिचड़ी पक चुकी, यह सिर्फ रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए है।"
कपूर इस इवेंट के ब्रांड एम्बेस्डर होंगे।
- ऑफिशियली किसी भी डिश (व्यंजन) को नेशनल फूड घोषित करने का प्रोविजन अब तक किसी देश में नहीं है। हर देश में वहां के लोगों की पसंद के हिसाब से ही किसी डिश को नेशनल कुजीन मान लिया जाता है। इससे उस डिश की पहचान और अहमियत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। खिचड़ी के साथ भी ऐसा ही है।
पॉपुलर डिश को ही नेशनल कुजीन का दर्जा
- न्यूयॉर्क की हॉफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिल्किया जेनर ने फूड कल्चर पर अपनी एक स्टडी में कहा भी था, "किसी भी देश के लिए एक डिश को ऑफिशियल फूड बना देना मुश्किल ही होगा। खासकर भारत जैसे विविधता वाले देश के लिए तो ये संभव ही नहीं है।" बाकी देशों में भी पॉपुलर डिश को ही नेशनल कुजीन मान लिया गया है।
65 हजार करोड़ का मेगा इवेंट है वर्ल्ड फूड इंडिया
- भारत की फूड इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और इस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन किया जा रहा है। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- केंद्र का दावा है कि इस इन्वेस्टमेंट से 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। देश के 28 राज्य इस इवेंट के पार्टनर बनने वाले हैं। 50 ग्लोबल कंपनियों के सीईओ इवेंट में शिरकत करेंगे।
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