इंदौर । सांची दूध में मिलावटखोरी का आरोपी कॉन्ट्रैक्टर तीन साल से सांची से जुड़ा हुआ था। वह टैंकर से रोज करीब चार हजार लीटर शुद्ध दूध निकालकर टैंकर में पानी व केमिकल मिलाता था। पुलिस को शक है आरोपी की सांची प्लांट के अधिकारी और कर्मचारियों से भी सांठगांठ है। पुलिस ने मॉनिटरिंग और क्वालिटी जांच व्यवस्था के संबंध में जवाब मांगा है।
एएसपी मनोज राय के मुताबिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि सरगना (ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टर) सुखविंदरसिंह पूर्व में भी पीथमपुर में मिलावटखोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। उसने बताया कि एक टैंकर से करीब डेढ़ हजार लीटर शुद्ध दूध निकालकर टैंकर में पानी व केमिकल मिला देता था। रोजाना तीन टैंकरों औसतन चार हजार लीटर दूध निकालकर इसी प्रकार मिलावट करता था।
एक टैंकर से शुद्ध दूध निकालकर सांची प्लांट पहुंचने पर दूसरे टैंकर को गोदाम पर बुलाया जाता था। इसी तरह बारी-बारी से मिलावट की जाती थी। टैंकरों की मॉनिटरिंग के लिए उनमें जीपीएस लगा हुआ था। बल्क मिल्क कलेक्शन (बीएमसी) सेंटर से लेकर प्लांट तक दूध की क्वालिटी जांचने के लिए मशीनें लगी हुई थीं, लेकिन फिर भी आरोपी मिलावट वाला दूध प्लांट में खाली कर देता था।
मोटर लगाकर निकालते थे टैंकर से दूध
पुलिस ने मौके से पानी की मोटर व पाइप बरामद किए हैं। आरोपी ने बताया 15 दिन पूर्व ही उसने दीपक अरोरा से गोदाम किराए पर लिया था। वह दूध से भरा टैंकर गोदाम में खड़ा कर देता था। एक ढक्कन पर सील लगी होने से दूसरे ढक्कन के नट-बोल्ट खोलकर ढक्कन निकाल देता था। मोटर लगाकर दूध की टंकियां भर ली जाती थीं। जितना दूध निकाला जाता था उतना ही पानी व केमिकल मिला दिया जाता था। पुलिस गोदाम मालिक से भी पूछताछ कर रही है।
एमएलए चाचा के नाम से सेव थे नंबर
पुलिस का अनुमान है आरोपी एक बार में एक लाख रुपए से अधिक के दूध की हेराफेरी करता था। उससे एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी जब्त हुई है, जिसमें विधायक लिखा हुआ पास मिला है। आरोपी ने उक्त गाड़ी बाणगंगा क्षेत्र निवासी पूर्व विधायक के बेटे से खरीदी थी। उसका भतीजा उसे विधायक ही बताता था। मोबाइल में भी एमएलए चाचा के नाम से नंबर सेव थे।
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