भोपाल। गैमन इंडिया ने आवास एवं पर्यावरण विभाग से समयसीमा में काम नहीं करने पर उसपर लगने वाला जुर्माना माफ करने की अपील की है। इस अपील को अब विभाग समयसीमा विवाद को निपटाने के लिए बनाई गई तीन मंत्रियों की एक समिति के सामने रखेगा। गौरतलब है कि मंत्रियों की समिति गैमन इंडिया पर करीब 14 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाने का फैसला ले चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक गैमन इंडिया की इस अपील पर मंत्रियों की समिति ही फैसला करेगी। इसके अलावा विभाग हाईकोर्ट द्वारा प्रोजेक्ट की जमीन को फ्री होल्ड करने के आदेश देने को भी मंत्री समिति के सामने रखेगा। वित्त मंत्री जयंत मलैया, नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह और राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता की समिति ने गैमन इंडिया के प्रोजेक्ट की समयसीमा 2019 तक बढ़ाने का भी फैसला किया था।
दरअसल, राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए शर्त रखी थी कि यदि काम समय पर पूरा नहीं होता है तो छह महीने तक एक लाख रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा और छह महीने बाद दो लाख रुपए प्रतिदिन जुर्माना देना होगा। 2019 तक मोहलत देने की वजह से प्रोजेक्ट करीब चार साल लेट होगा।
यह है गैमन इंडिया का विवाद
सरकार ने गैमन इंडिया को वर्ष 2008 में सीबीडी प्रोजेक्ट के लिए करीब 15 एकड़ जमीन आवंटित की थी। यह जमीन गैमन इंडिया को करीब 340 करोड़ रुपए में इस शर्त पर दी गई थी कि पांच साल के भीतर सीबीडी प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में केस और बिल्डिंग परमिशन में देरी होने के कारण सरकार ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 2015 तक का समय दिया। फिर भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने के कारण इसे रद्द करने की नौबत आ गई थी।
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