भोपाल। भोपाल स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में एक सीनियर सिटीजन महिला का पासपोर्ट सिर्फ इसलिए अटक गया, क्योंकि उसने पति के नाम का स्थान खाली छोड़ दिया। पासपोर्ट दफ्तर ने उसे नाम लिखने को कहा तो उसने इनकार कर दिया। पति से तलाक हुआ नहीं इसलिए कोई दस्तावेज भी नहीं दे पा रही। अब उसे शपथ पत्र देने को कहा गया है।
राजधानी के कोलार रोड स्थित आम्रकुंज निवासी सीनियर सिटीजन नीलिमा (परिवर्तित नाम) हाल ही में केंद्र सरकार की सेवा से रिटायर हुई हैं। वे अमेरिका में नौकरी कर रही अपनी बेटी के पास जाना चाहती हैं। पिछले 4-5 साल से उनका पति से विवाद चल रहा है। दोनों अलग रहते हैं।
पासपोर्ट के आवेदन में उन्होंने 'स्पाउस" का कॉलम खाली छोड़ दिया। आवेदन अटक गया, पूछने पर पता चला कि न तो वह सिंगल हैं और न ही विधवा। उनका कहना है कि पासपोर्ट पर वे अपने शराबी पति का नाम नहीं लिखवाना चाहती। ये सुनकर पासपोर्ट दफ्तर के अधिकारी भी हैरान रह गए।
शपथ पत्र से बन जाएगी बात
इस बारे में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए महिला एसडीएम कार्यालय और अपने इलाके के थाने भी गई लेकिन बात नहीं बनी। बाद में पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी इस बात पर पासपोर्ट बनाने को तैयार हुए कि आवेदन के साथ महिला शपथ पत्र पर अपनी पूरी परिस्थिति का खुलासा कर दे। इस बात पर महिला भी सहमत हो गई। उसने बताया कि तीन साल हो चुके हैं, वह पति के साथ नहीं रहती। सेवानिवृत्ति के बाद वह बेटी के पास जा रही है। लंबी कवायद के बाद अंतत: विदेश मंत्रालय भी मान गया। पहले महिला से तलाक का प्रमाण अथवा कोर्ट का दस्तावेज मांगा जा रहा था।
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