रामायण काल यानी त्रेता युग और महाभारत काल यानी द्वापर युग के बीच हजारों सालों का फर्क है, फिर भी कुछ पात्र ऐसे हैं, जिनका उल्लेख दोनों युगों में मिलता है। यहां जानिए 4 ऐसे पात्र, जिन्होंने रामायण के साथ ही महाभारत काल में भी महत्वपूर्ण काम किए हैं...
1.परशुराम
परशुराम भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। त्रेता युग में सीता के स्वयंवर में रखा गया शिवजी का धनुष श्रीराम ने तोड़ दिया था, तब परशुराम क्रोधित हो गए थे। क्रोधित होकर वे श्रीराम के पास पहुंचे और जब उन्हें ये मालूम हुआ कि श्रीराम भी विष्णु के ही अवतार हैं तो वे वहां से लौट गए। महाभारत काल में भीष्म, द्रोणाचार्य और कर्ण के गुरु परशुराम ही थे। परशुराम और भीष्म पितामह के बीच युद्ध भी हुआ था, जिसमें भीष्म जीत गए थे।
2.जामवंत
श्रीराम की सेना में हनुमानजी, सुग्रीव, अंगद के साथ ही जामवंत भी थे। रामायण के सुंदरकांड की शुरुआत में हनुमानजी इस बात के लिए आशंकित थे कि वे माता सीता की खोज के लिए समुद्र पार करके लंका जा पाएंगे या नहीं। उस समय जामवंत ने हनुमानजी को शक्तियां याद दिलाई थीं, इसके बाद ही हनुमानजी ने समुद्र पार किया और लंका में माता सीता की खोज की। महाभारत के एक प्रसंग में श्रीकृष्ण और जामवंत का युद्ध हुआ। इस युद्ध में श्रीकृष्ण की जीत हुई थी। तब जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण से कर दिया।
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