15 सौ में बनाते थे अनपढ़ से ग्रेजुएट, 1 लाख की मार्कशीट से सेना में दिलाते थे एंट्री
Sat, Oct 28, 2017 6:27 PM
लखनऊ. यूपी एटीएस ने वाराणसी के तीन युवकों को फर्जी मार्कशीट व सर्टीफिकेट बनाने के आरोप में अरेस्ट किया है। इन्ही फर्जी दस्तावेजों से इनका सरगना नेपाली युवकों को सेना में भर्ती कराता था। एटीएस की पूछताछ में कई बड़े खुलासे सामने आए। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण कहना है, ''सूचना मिली थी कि वाराणसी में सेना की भर्ती में कुछ विदेशी लोग गलत नाम और पते से भर्ती हो गए हैं। कड़ी से कड़ी मिलते हुए हमने तीन आरोपियों को पकड़ा है।'' सुरागों के आधार पर ATS ने 3 जालसाजों को दबोचा...
- अरूण असीम ने बताया, ''जांच में पता चला 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी से गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए थे। इनका करैक्टर सर्टिफिकेट भी नकली है।''
- ''बीते 1 अक्टूबर 2017 को थाना एटीएस लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसकी विवेचना इंस्पेक्टर विजय मल द्वारा की जा रही थी।''
- ''जुटाए गए साक्ष्य में तीनों आरोपी सिद्ध हुए। मामले में एटीएस सेना में फर्जी रूप से नौकरी कर रहे एक नेपाली युवक को हिरासत में लेकर पूंछताछ की गई।''
- ''सुरागों के आधार पर एटीएस टीम ने फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करने वाले 3 जालसाजों को दबोचा।''
1500 में बनाते थे FAKE डाक्यूमेंट्स
- पूछताछ में पता चला- तीनों आरोपी अजय कुमार सिंह, नागेश्वर मौर्य और अवध प्रकाश वाराणसी के रहने वाले हैं।
- आरोपी अजय एटीएस द्वारा पूर्व में अरेस्ट चन्द्र बहादुर खत्री के लिए काम करता है। अजय ही खत्री को फर्जी मार्कशीट व सर्टीफिकेट उपलब्ध कराता था।
- फर्जी दस्तावेज मेकिंग का काम वाराणसी की कचहरी में नागेश्वर के साइबर कैफे में होता था। जिसमें अवध उसका साथ देता था।
- इसके बदले में उसे 1500 रु. मिलते थे। जिसमें 400 रु. अवध का हिस्सा होता था।
1 लाख में होता था देश की सुरक्षा से खिलवाड़
- आईजी असीम अरुण ने बताया, ''चन्द्र बहादुर खत्री इस मार्कशीट को 1 लाख व उससे अधिक में बेंच देता था।''
- ''इसके सहारे नेपाली युवक सेना में नौकरी दिला रहे थे। नेपाली युवकों के पास मिली मार्कशीट की भी शिक्षा बोर्ड से जांच कराई जा रही है।''
- ''एटीएस द्वारा अरेस्ट युवकों के बयान के आधार पर इस पूरे मामले से पर्दा उठ गया है। महज कुछ पैसों के लालच में देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा था।''
- ''इनके पास से कम्प्यूटर, लैपटाप, प्रिंटर, निर्मित एवं अर्धनिर्मित मार्कशीट व सर्टीफिकेट, कई स्कूलों के प्रिंसिपल की फर्जी मुहर आदि बरामद किया गया है।''
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