भोपाल। प्रदेश सरकार अपेक्स बैंक की तर्ज पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में भी एकमुश्त समझौता योजना लागू करेगी। इसके जरिए बैंक अपना डूबत कर्ज ब्याज का कुछ हिस्सा माफ कर वसूल कर सकेंगे। किसानों के ऊपर बैंकों का करीब 5 से 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ऐसा है, जो लंबे समय से अदा नहीं किया गया है। आयुक्त सहकारिता कार्यालय ने योजना का प्रस्ताव भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
सूत्रों के मुताबिक कई जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में डूबत कर्ज काफी अधिक हो गया है। इसकी वसूली के लिए अभी तक बैंक स्तर पर जितनी भी कोशिशें हुई हैं, वो नाकाफी साबित हुई हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अपेक्स बैंक में एकमुश्त समझौता योजना काफी समय से लागू है। इसके माध्यम से कई ऐसे कर्ज की वसूली हो चुकी है, जो लंबे समय से लंबित थे।
इसी तर्ज पर योजना जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में लागू करने की तैयारी की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलते ही योजना लागू हो जाएगी। इसमें दंड ब्याज को माफ कर मूलधन और सामान्य ब्याज की वसूली का प्रावधान रहता है। हितग्राही को कर्ज की अदायगी दो या तीन किस्तों में करने की सुविधा भी मिल जाती है।
विवादों में घिर चुकी है योजना
अपेक्स बैंक में लागू एकमुश्त समझौता योजना एक कर्ज के मामले को लेकर विवादों में घिर चुकी है। जबलपुर की मंदा थेटे के ऊपर चढ़े कर्ज की वसूली के लिए समझौता योजना के तहत प्रकरण सुलझाया गया था। इसको लेकर शिकवा-शिकायत हुई और मामला लोकायुक्त तक पहुंच गया।
लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने और विशेष अदालत में चालान प्रस्तुत होने पर बैंक के तत्कालीन प्रभारी प्रबंध संचालक आरबी बट्टी को निलंबित करने के साथ अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसके बाद से ही बैंक में समझौते होने बेहद कम हो गए हैं।
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