Thursday, 22nd May 2025

भावांतर के दायरे में 37 लाख हेक्टेयर रकबा, देने पड़ सकते हैं चार हजार करोड़

Tue, Oct 24, 2017 6:00 PM

भोपाल। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के दायरे में 37 लाख हेक्टेयर में बोई खरीफ की फसल आएगी।

19 लाख से ज्यादा किसानों ने योजना में पंजीयन कराया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य और मौजूदा मॉडल रेट को देखा जाए तो सरकार को करीब चार हजार करोड़ रुपए का भुगतान खजाने से किसानों को करना पड़ सकता है। सर्वाधिक डेढ़ हजार करोड़ रुपए सोयाबीन का भावांतर देने में लगने की संभावना है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विशेष ग्रामसभा में पंजीयन कराने आए आवेदनों के बाद कुल पंजीयन 19 लाख 7 हजार 510 किसानों का हुआ है। इन्होंने जो रकबा दर्ज कराया है वो 37 लाख 53 हजार 709 हेक्टेयर है। इसमें सर्वाधिक 16 लाख हेक्टेयर रकबा सोयाबीन का है।

कृषि जलवायु क्षेत्र के हिसाब से जो औसत उत्पादकता निकाली गई है, उस हिसाब से करीब 60 लाख 82 हजार टन उपज की योजना में खरीदी हो सकती है। इस हिसाब से सरकार को करीब चार हजार करोड़ रुपए भाव का अंतर देने में खर्च करने पड़ेंगे। इसमें पचास प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी।

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