भोपाल । चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव को भाजपा ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। नामांकन दााखिले के आखिरी दिन जैसे-तैसे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार को मना पाए । वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने पर अड़े हुए थे।
चौहान ने टिकट के बाकी दावेदारों से भी बातचीत कर सभी को पार्टी लाइन पर चलने के लिए मनाया ।इसके साथ ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया ।
कांग्रेस की परंपरागत सीट चित्रकूट को हथियाने के लिए भाजपा एड़ीचोटी का जोर लगा रही है। टिकट वितरण की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने मोर्चा संभाला हुआ है।
चौहान को एक बड़ी सफलता तब मिली जब वे पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने में सफल हुए। टिकट नहीं मिलने से नाराज गहरवार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था । गहरवार चित्रकूट से एक बार चुनाव जीत चुके हैं। पिछला चुनाव वे साढ़े सात सौ वोटों से हारे थे। यही वजह है कि पार्टी भी पहले उन्हें प्रत्याशी बनाना चाहती थी लेकिन कांग्रेस द्वारा ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने के कारण भाजपा को अपनी रणनीति बदलना पड़ी ।
असंतुष्टों से खतरा - भाजपा को अभी भी असंतुष्टों से खतरे की आशंका है। कांग्रेस की परंपरागत सीट होने के कारण भाजपा प्रत्याशी शंकर दलाल त्रिपाठी को पूरी ताकत चुनाव में लगानी होगी । नेताओं का मानना है कि पार्टी की स्थिति तब मजबूत हो सकती है जब टिकट के दावेदार पार्टी के पक्ष में प्रचार करेंगे । हालांकि प्रदेशाध्यक्ष चौहान ने सभी नेताओं से बात कर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है।
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