नई दिल्ली। दस साल के बाद एशिया कप का खिताब जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन का मानना है कि टीम में अभी निरंतरता की कमी है और शीर्ष टीमों की बराबरी के लिए खिलाड़ियों को इस पर काम करना होगा।
मारिन ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि भारतीय टीम के कोच के तौर पर यह मेरा पहला टूर्नामेंट था। हमने अच्छी हॉकी खेली। मैं खिलाड़ी और प्रशंसकों के लिए भी ऐसी शुरुआत से खुश हूं। टीम में सामंजस्य की कमी है जो मलेशिया के खिलाफ फाइनल मैच में भी नजर आई। मलेशिया के खिलाफ हमें और अधिक गोल करने चाहिए थे, लेकिन चौथे क्वार्टर में हमारे प्रदर्शन का स्तर काफी नीचे गिर गया जिससे मलेशिया को वापसी का मौका मिल गया।'
उन्होंने कहा, 'हमने काफी अच्छी आक्रामक हॉकी खेली और कुछ अच्छे मैदानी गोल भी किए, लेकिन टीम निरंतर एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाई।' भारत ने एशिया कप में अपने आक्रामक खेल की मदद से कुल 21 मैदानी गोल दागे। मारिन को उम्मीद है कि अगर भारतीय टीम ऐसे ही आक्रामक हॉकी खेलती रही तो आने वाले टूर्नामेंटों में वह खतरनाक साबित हो सकती है।
उन्होंने कप्तान मनप्रीत सिंह की नेतृत्व क्षमता की तारीफ करते हुए कहा, 'मनप्रीत का नेतृत्व कमाल का था। मैच के आखिरी सात मिनटों में उन्होंने डिफेंस को मतबूत करने की जिम्मेदारी खुद उठाई। यह ऐसी चीज है जो खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है। हॉकी एक टीम के रूप में खेली जाती है, लेकिन दो गोलकीपर सुरज और आकाश काफी अच्छे रहे। सभी मैचों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।' भारतीय टीम अभी आराम कर रही है और पांच नवंबर को बेंगलुरु में एकत्रित होगी जहां वह दिसंबर में भुवनेश्वर में होने वाली हॉकी विश्व लीग फाइनल के लिए अपनी तैयारी करेगी।
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