Thursday, 22nd May 2025

हमें भेदभाव भरे नजरिए से देखना बंद करे अमेरिका: US-इंडिया रिश्तों पर चीन

Sun, Oct 22, 2017 3:50 PM

बीजिंग. भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान पर चीन ने नाराजगी जताई है। US फॉरेन मिनिस्टर रेक्स टिलरसन ने चीन को नियम तोड़ने वाला बताया था। उन्होंने कहा था, "गुस्से और अनिश्चितता के इस दौर में भारत को भरोसेमंद पार्टनर की जरूरत है, जो अमेरिका है।" चीन के ग्लोबल टाइम्स ने टिलरसन के बयान को बीजिंग को साधने के लिए दिल्ली को फुसलाने की कोशिश बताया। चीन ने कहा अमेरिका को हमें भेदभाव भरे नजरिए से देखना बंद करना चाहिए।
 
टिलरसन ने चीन पर क्या स्टेटमेंट दिया था?
- टिलरसन ने अपनी स्पीच में चीन और भारत के बारे में स्टेटमेंट दिया था, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग ने जारी किया था।
- टिलरसन ने कहा था, "भारत की तुलना में चीन ने गलत तरीके से विकास की राह पकड़ी है। जहां चीन ने आगे बढ़ने के लिए इंटरनेशनल रूल्स को तोड़ा है, वहीं भारत दूसरे देशों की संप्रभुता का ख्याल रखते हुए आगे बढ़ रहा है। चीन को अमेरिका से रिश्ते सुधारने जरूरत है। नियम-कानूनों की अनदेखी चीन के लिए मुमकिन नहीं होगा।"

कोशिश होगी कि भारत से दोस्ती 100 साल चले- US
- टिलरसन ने अपनी स्पीच में कहा था, "भारत की पॉजिटिव सोच, पावरफुल डेमोक्रेसी और दुनिया में उसके बढ़ते कद की वजह से अमेरिका को भारत से दोस्ती और ज्यादा बढ़ानी चाहिए। साथ ही यह कोशिश हो कि यह दोस्ती आने वाले 100 साल तक चले।"

चीन ने टिलरसन की स्पीच पर क्या जवाब दिया?
- चीन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन लू कान्ग ने कहा, "भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर मीडिया इंटरेस्टेड है। जब तक ये रिश्ते क्षेत्र के विकास और शांति के लिए हैं, तब तक हम इन्हें लेकर बेहद खुश हैं।"
- चीन को नियम तोड़ने वाला देश बताने पर कान्ग ने कहा, "अमेरिका को चीन के विकास को गौर से देखना होगा। चीन ने बड़ी ही तेजी से इंटरनेशनल ऑर्डर को यूएन चार्टर के नियमों के मुताबिक ऊपर उठाया है और मल्टीलेटरलिज्म को बढ़ाने के साथ ही अपने हितों और हक की रक्षा भी की है। अमेरिका को अपने भेदभाव भरे नजरिए को छोड़कर मजबूत रिश्तों के साझा मकसद पर काम करना चाहिए।"
 
EXPERT VIEW: प्रैक्टिकल नहीं, पॉलिटिकल स्टैंड
- शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन के फैलो रिसर्चर हू झियोन्ग ने कहा, "भले ही यूएस स्टेट डिपार्टमेंट कह रहा हो कि चीन के एशिया में नेगेटिव इन्फ्लुएंस के चलते अमेरिका-भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, लेकिन ये बात वॉशिंगटन भी जानता है कि ये प्रैक्टिकल होने से ज्यादा पॉलिटिकल है। अमेरिका अच्छी तरह से जानता है कि सिनो-अमेरिका रिलेशन US-इंडिया रिलेशन से ज्यादा अहम हैं।"
- पीकिंग यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन लैंग्वेज डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जिआन्ग जिंगकुई ने कहा, "नवंबर में डोनाल्ड ट्रम्प चीन का दौरा करेंगे। इससे पहले टिलरसन के बयान केवल भारत को राहत पहुंचाने के लिए हैं।"

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery