महाराष्ट्र: एसटी बसों के पहिए थमे, हड़ताल जारी; यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
Sat, Oct 21, 2017 9:14 PM
मुंबई. राज्य सरकार के काफी प्रयासों के बावजूद मंगलवार को एसटी बसों की हड़ताल खत्म नहीं हो सकी। परिवहन मंत्री दिवाकर रावतेने हड़ताली एसटी कर्मचारियों से अपील की थी कि शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौट आएं। लेकिन कर्मचारियों ने मंत्री की अपील को अनसुना कर दिया। इस बीच परिवहन मंत्री ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस हड़ताल खत्म नहीं होने दे रही है।
परिवहन मंत्री ने यह भी साफ कर दिया है कि अगले 25 साल बाद भी एसटी महामंडल अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन नहीं दे पाएगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग को लेकर राज्य सड़क परिवहन निगम के एक लाख कर्मचारी सोमवार की मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए हैं। दीपावली के ऐन मौके पर उनके हड़ताल पर जाने से आम आदमी की परेशानियां बढ़ गई हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने हड़ताली कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके वेतन संबंधी जो भी मांगें हैं उस पर चर्चा कर मामला हल करेंगे। रावते ने कहा कि यूनियन के साथ समझौता करने के लिए तैयार है पर राजनीतिक दखल के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा। कर्मचारी यूनियन को हड़ताल खत्म नहीं करना है।
दीपावली के अवकाश में लोग शहर से अपने गांव जाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बसों का उपयोग करते हैं क्योंकि सरकारी बस सेवा राज्य के गांव-गांव तक फैली है। दीपावली के ऐन वक्त पर उनके हड़ताल पर जाने से लाखों लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। लोगों की परेशानियां कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर स्कूली वाहनों सहित निजी वाहनों को यात्रियों को ले जाने की अनुमति प्रदान की है।
यूनियन ने यात्रियों से मांगी माफी, पर हड़ताल कायम
महाराष्ट्र के एसटी वर्कस यूनियन के अध्यक्ष संदीप शिंदे के अनुसार, सातवें वेतन आयोग को लागू करने और वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक 25 प्रतिशत की अंतरिम बढ़ोतरी की मांग को लेकर हमारे 1.02 लाख कर्मचारियों ने राज्य परिवहन की बसों का परिचालन बंद कर दिया है। उन्होंने कहा, सरकार केवल अंतरिम बढ़ोतरी का केवल एक हिस्सा देने को राजी है जो हमें स्वीकार्य नहीं है। शिंदे ने कहा, अगर हमारी मांगें मान ली जाती हैं तो हम हड़ताल वापस लेने के लिए तैयार हैं। यात्रियों को हो रही परेशानी के बाबत शिंदे ने यूनियन की ओर से उनसे माफी मांगी है।
स्कूल व निजी बसों को अनुमति
एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर यात्रियों को राहत देने के लिए महाराष्ट्र के परिवहन महामंडल ने निजी व स्कूल बसों को यात्रियों को लाने-लेजाने की अनुमति प्रदान की है। एसटी महामंडल आयुक्त प्रवीण गेदाम के अनुसार, राज्य परिवहन कर्मचारियों के हड़ताल के कारण सभी तरह की (निजी) बसों (स्कूल और कंपनी वाहनों) को राज्य परिवहन डीपो से यात्रियों को ले जाने की आधिकारिक अनुमति प्रदान की गई है। एसटी महामंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हडताल गैरकानूनी है और परिवहन एजेंसी के प्रशासन ने यूनियन के सदस्यों से काम पर वापस आने की अपील की है। राज्य में 65 लाख से अधिक यात्री राज्य परिवहन बसों में यात्रा करते हैं। एमएसआरटीसी 18,000 बसें चलाता है।
स्कूल व निजी बसों को अनुमति
महाराष्ट्र के परिवहन महामंडल ने निजी व स्कूल बसों को यात्रियों को लाने-लेजाने की अनुमति प्रदान की है। एसटी महामंडल आयुक्त गेदाम के अनुसार, राज्य परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी तरह की (निजी) बसों (स्कूल और कंपनी वाहनों) को राज्य परिवहन डीपो से यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी है।
एसटी महामंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हडताल गैरकानूनी है और परिवहन एजेंसी के प्रशासन ने यूनियन के सदस्यों से काम पर वापस आने की अपील की है। राज्य में 65 लाख से अधिक यात्री राज्य परिवहन बसों में यात्रा करते हैं। एमएसआरटीसी 18,000 बसें चलाता है।
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