भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के नुमांइदे घर-घर जाकर खुशहाली का हिसाब-किताब मांगेंगे। प्रदेश के दस चुनिंदा जिलों में 900 लोगों के बीच 'पायलट सर्वे" के जरिए पूछा जाएगा कि कौन-सी बात उन्हें सबसे ज्यादा खुशी देती है। इन मुद्दों के आधार पर ही 'हैप्पीनेस इंडेक्स" मापने की प्रश्नावली तैयार की जाएगी। सोमवार को आईआईटी खड़गपुर के छह विशेषज्ञों ने सर्वे करने वालों को जरूरी टिप्स दिए।
राज्य आनंद प्रतिष्ठान 'हैप्पीनेस इंडेक्स" मापने के आयाम तलाशने ही यह पायलट सर्वे करा रहा है। सर्वे के दौरान परिवार की आमदनी, आपसी संबंध, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और सुशासन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 10 जिलों के 30 सर्वेयर्स को आईआईटी के छह विशेषज्ञों ने दिनभर ट्रेनिंग देकर समझाया कि उन्हें किस तरह लोगों से उनकी खुशी देने वाली बातों का पता करना है।
इन जिलों में होगा छोटा सर्वे
भोपाल, इंदौर, भिंड, सीधी, दमोह, बड़वानी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, खरगोन एवं डिंडौरी। हर जिले में 90 लोगों से संपर्क होगा।
इन्होंने दिया प्रशिक्षण
आईआईटी खड़गपुर के डॉ. पी. पटनायक, प्रो.डी. सौर, प्रो. वीएन गिरि, प्रो.ए. श्रीकांत, रश्मिरंजन बेहेरा एवं गिरिजा पाणिगृही ने खुशहाली के आयाम तलाशने के टिप्स दिए।
प्रश्नावली का होमवर्क
हैप्पीनेस इंडेक्स का फॉर्मेट तैयार करने यह छोटा सर्वे कराया जा रहा है। इसमें जो बिंदु निकलकर आएंगे उनके आधार पर प्रश्नावली बनेगी। इस प्रश्नावली के आधार पर 51 जिलों में आनंद संबंधी मैदानी फीडबैक हासिल किया जाएगा। - मनोहर दुबे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य आनंद संस्थान
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