Thursday, 22nd May 2025

आयुर्वेद में 100% भरोसा जरूरी, इसका बोर्ड लगाकर अंग्रेजी इलाज करते हैं: मोदी

Tue, Oct 17, 2017 8:05 PM

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने दूसरे आयुर्वेद दिवस के मौके पर मंगलवार को दिल्ली में देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का इनॉगरेशन किया। राजधानी के सरिता विहार इलाके में इसे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) की तर्ज पर बनाया गया है। इस मौके पर पीएम ने आयुर्वेद की पढ़ाई करने वालों से ही पूछा कि उन्हें क्या इसमें 100% भरोसा है। मोदी ने आगे कहा कि लोग हॉस्पिटल की शुरुआत आयुर्वेद का बोर्ड लगाकर करते हैं, फिर अंदर अंग्रेजी इलाज होने लगता है। हर जिले में हो गए अायुर्वेदिक हॉस्पिटल...
 
 
- इस मौके पर मोदी ने कहा, "साथियों, आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए देश के हर जिले में अच्छी सुविधाओं से लैस एक आयुर्वेदिक अस्पताल जरूर होगा। आयुष मंत्रालय ने इसकी शुरुआत कर दी है। अब तक ऐसे 65 अस्पताल बन चुके हैं।"
- "मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं कि वेलनेस का ऐसा माहौल बने कि आपको यहां तक आने की नौबत ना आए। आज इस इंस्टीट्यूट से आयुर्वेद को नई ऊर्जा मिल रही है। यह संस्थान रिसर्च और हेल्थ प्रैक्टिस का केंद्र बनेगा।"
 
आयुर्वेद पढ़ते हैं तो उसमें भरोसा भी रखें
- मोदी ने कहा, "मुझे बताएं कि आज जो स्टूडेंट्स आयुर्वेद पढ़कर निकलते हैं। कितनों की 100% श्रद्धा आयुर्वेद में है। जब कोई मरीज आता है तो कहता है यार जल्दी ठीक हो जाऊं इसके लिए एलोपैथिक ही दे दो। बाहर बोर्ड तो आयुर्वेद का लगा होता है, लेकिन अंदर इलाज होने लगता है अंग्रेजी।"
- "एक कहानी है कि एक बार किसी ने नौकर से पूछा मालिक कहां गए तो उसने कहा वो तो आगे वाले रेस्टोरेंट में खाने गए हैं। मुझे बताएं कि उसके रेस्टोरेंट में कौन खाने आएगा। यही हाल आयुर्वेद का है। जब डॉक्टर्स ही अपने इलाज के लिए एलोपैथिक डॉक्टर से सामने लाइन में खड़े रहेंगे तो कौन उनसे इलाज कराएगा।"
 
हर कोर्स के लिए मिले अलग सर्टिफिकेट
- मोदी ने कहा, "आयुर्वेद के अलावा फिजियोथैरिपी में भी बड़ा स्कोप है। आजकल तो खिलाड़ियों के साथ कई बड़े लोग अपने पर्सनल फिजियो रखते हैं। 4 साल तक बीएएमएस की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को आयुर्वेद, योग, पंचकर्म समेत कई कोर्स पढ़ाए जाते हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें हर कोर्स के लिए अलग सर्टिफिकेट दिया जाए, ताकि वो डिग्री के साथ-साथ अपनी प्रैक्टिस शुरू कर सकें।"
 
अायुर्वेद में डाटा और रिसर्च बहुत जरूरी
- पीएम ने कहा, "आयुर्वेद में डाटा और रिसर्च मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। एक कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे घरों से आयुर्वेद दूर है, क्योंकि इसकी पद्धति आज के जमाने के हिसाब से नहीं है। लोग इसी से परेशान हो जाते हैं कि पहले दवाई को उबालो, फिर छानो, सुखाओ। आज इन दवाओं की पैकेजिंग की जरूरत है, ताकि एलोपैथिक की तरह ही उन्हें दवाएं तैयार मिल सकें।"
 
हर्बल दवाओं का ग्लोबल मार्केट हो रहा तैयार
- "दुनिया में हर्बल दवाओं का ग्लोबल मार्केट तैयार हो रहा है। भारत को भी इसमें भागीदार होना है। औषधीय खेती के लिए काम करना होगा।"
- "आपने देखा होगा कि विटामिन बी12 के लिए सी-बीट की खेती होती है। अगर हम नई टेक्नोलॉजी पर काम करें तो उन मछुआरों की जिंदगी में भी रोशनी बिखेर सकते हैं। हम 2022 तक किसानों की इनकम दोगुना करना चाहते हैं कृषि और आयुष मंत्रालय इसके लिए मिलकर काम करें।"
 
गरीबों को मिले सस्ता इलाज
- मोदी ने कहा, "दुनिया बड़ी आशा भरी नजरों से भारत के आयुर्वेद और योग की ओर देख रही है। हम हर तरह के हेल्थ सिस्टम का सम्मान करते हैं। सभी को अपनी तरक्की का हक है। सरकार का टारगेट है कि कैसे भी हो गरीबों को सस्ता इलाज मिले। हमने मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी, इसके तहत 2.5 करोड़ बच्चों और 70 लाख महिलाओं को टीका लगाया जा चुका है।" 
- इन बच्ची की जिंदगी अनमोल है। पहले टीकाकरण में बढ़ोतरी 1% थी, जो तीन साल में अब 6.5% हो चुकी है।
 
आयुर्वेद का टॉप इंस्टीट्यूट होगा
- पहले फेज में इस इंस्टीट्यूट को 10 एकड़ में बनाया गया है। इसे तैयार करने में 157 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इसे एक्रीडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल (NABH) से मंजूरी मिली हुई है। इस इंस्टीट्यूट में एक एकेडमिक ब्लॉक भी है।
 
पिछले साल ही शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस
- देश में पहला आयुर्वेद दिवस पिछले साल मनाना गया था। धन्वंतरि जयंती के मौके पर मोदी सरकार ने इसकी शुरू की।
- इसका मकसद भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देना है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है।

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