अगली दिवाली तक राम मंदिर बन जाएगा, चुनावी जीत के लिए हिंदू कार्ड जरूरी: स्वामी
Mon, Oct 16, 2017 7:34 PM
पटना. बीजेपी के सीनियर लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अगले साल दिवाली तक अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर जल्द ही बनना शुरू होगा और अगले साल दिवाली तक यह भक्तों के लिए तैयार हो जाएगा। स्वामी ने ये भी कहा कि चुनाव में कामयाबी के लिए हिंदुत्व की आइडियोलॉजी को जगाना होगा। मंदिर के रास्ते की बाधाओं को हटा दिया गया है...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को ये दावा किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के रास्ते की बाधाओं को हटा दिया गया है। मंदिर तुरंत या थोड़े दिनों बाद ही बनना शुरू हो सकता है। इस हफ्ते हम दिवाली मनाएंगे और अगली दिवाली तक राम मंदिर को बनाकर भक्तों को सौंप दिए जाने के आसार हैं। स्वामी ने यह बात यहां विराट हिंदू संगम (VHS) की बिहार यूनिट की तरफ से ऑर्गनाइज एक सेमिनार में कही।
चुनाव जीतने के लिए हिंदुत्व को जगाना होगा
- पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री स्वामी ने कहा, "चुनाव में कामयाबी हासिल करने के लिए ये जरूरी है कि हिंदुत्व की आइडियोलॉजी को फिर से जगाया जाए।"
सीतामढ़ी में बनेगा भव्य जानकी मंदिर
- स्वामी ने इस मौके पर नॉर्थ बिहार के सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण की भी घोषणा की और कहा कि VHS भगवान राम की पत्नी सीता के इस मंदिर को बनवाने की कोशिश करेगा क्योंकि सीतामढ़ी को सीता का जन्म स्थान माना जाता है। स्वामी ने कहा, "जगत जननी जानकी के बिना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कल्पना नहीं की जा सकती।"
सीतामढ़ी में ही जगत जनती यूनिवर्सिटी भी बनेगी
- स्वामी ने कहा कि सीतामढ़ी में ही जगत जननी यूनिवर्सिटी की भी स्थापना की जाएगी। विराट हिंदू संगम (VHS) ही यह काम भी करेगा। यूनिवर्सिटी में कन्टेमपररी (contemporary) वोकेशनल ट्रेनिंग के अलावा प्राचीन भारत की शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
राम मंदिर मुद्दा SC में
- 1989 के बाद राम मंदिर मुद्दा अपने उफान पर था। इस मुद्दे की वजह से तब देश में सांप्रदायिक तनाव फैला था। देश की राजनीति इस मुद्दे से प्रभावित होती रही है।
- हिंदू संगठनों का दावा है कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर विवादित बाबरी ढांचा बना था।
- राम मंदिर आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा गिरा दिया गया था। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।
इलाहाबाद HC ने क्या दिया था फैसला?
- 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर मुद्दे पर फैसला भी सुनाते हुए अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था।
- कोर्ट ने तय किया था कि जिस जगह पर रामलला की मूर्ति है, उसे रामलला विराजमान को दे दिया जाए। राम चबूतरा और सीता रसोई वाली जगह निर्मोही अखाड़े को दे दी जाए। बचा हुआ एक-तिहाई हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाए।
कौन हैं 3 पक्ष, क्या था HC का फॉर्मूला?
- निर्मोही अखाड़ा: विवादित जमीन का एक-तिहाई हिस्सा यानी राम चबूतरा और सीता रसोई वाली जगह।
- रामलला विराजमान: एक-तिहाई हिस्सा यानी रामलला की मूर्ति वाली जगह।
- सुन्नी वक्फ बोर्ड: विवादित जमीन का बचा हुआ एक-तिहाई हिस्सा।
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