18 साल से कम उम्र की पत्नी से संबंध रेप: SC; सभी धर्मों पर लागू होगा फैसला
Thu, Oct 12, 2017 8:56 PM
नई दिल्ली. नाबालिग पत्नी के साथ संबंध बनाना अब रेप माना जाएगा, भले ही संबंध पत्नी की सहमति से बनाए गए हों। यह फैसला सभी धर्मों पर लागू होगा। अभी तक ऐसे मामलों में रेप के आरोप से बचाने वाली आईपीसी की सेक्शन 375(2) के अपवाद को सुप्रीम कोर्ट ने अन-कॉन्स्टिट्यूशनल करार दिया है। इस अपवाद के तहत 15 से 18 साल की पत्नी से संबंध बनाना रेप नहीं माना गया था। अब संबंध बनने के एक साल के अंदर भी पत्नी अगर पुलिस में शिकायत करती है तो पति पर रेप का केस दर्ज होगा। कोर्ट का यह फैसला आगे से लागू होगा। पुराने मामलों पर इस फैसले का असर नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने बुधवार को सरकार की दलीलें खारिज करते हुए कहा, "संबंध बनाने के लिए तय 18 साल की उम्र घटाना अन-कॉन्स्टिट्यूशनल है।" सरकार की दलील थी कि इस फैसले से सामाज में दिक्कतें पैदा होंगी।
केटीएस तुलसी, कामिनी जायसवाल, जयंत सूद (सुप्रीम कोर्ट के वकील)
Q. फैसला किस पर और कब से लागू होगा?
A. 18 साल से कम उम्र की नाबालिग पत्नियों पर लागू होगा। 11 अक्टूबर 2017 के फैसले के बाद किसी ने संबंध बनाए तो एक साल के अंदर शिकायत की जा सकती है।
Q. पति भी नाबालिग हो तो क्या होगा?
A. रेप का केस जुवेनाइल कोर्ट में चलेगा। मैक्सिमम 3 साल की सजा हो सकती है।
Q. लड़की अगर बालिग होने के बाद शिकायत करे तो भी कार्रवाई होगी क्या?
A. अगर संबंध बनाते वक्त उम्र 18 से कम हो और शिकायत एक साल के अंदर की गई हो।
Q. सब इसके दायरे में आएंगे या सिर्फ हिंदू?
A. फैसला सभी धर्मों की शादियों पर लागू होगा।
Q. पत्नी नाबालिग है तो क्या शादी लीगल होगी?
A. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, 18 से कम उम्र में हुई शादी गैरकानूनी नहीं कही जा सकती। पति-पत्नी बालिग होने के 2 साल में शादी रद्द करवाने की अर्जी देते हैं तो इसे गैरकानूनी घोषित किया जा सकता है।
Q. बाल विवाह कम जागरूक कम्युनिटी में होते हैं। ऐसे लोगों के लिए कोर्ट ने क्या कहा है?
A. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि बाल विवाह सख्ती से रोकें। जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर काम करें। कोर्ट ने बाल विवाह को शादी नहीं, मृगतृष्णा बताया।
Q. कितनी नाबालिग लड़कियां शादीशुदा हैं?
A. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2005 के मुताबिक देश में 2 करोड़ 30 लाख नाबालिग लड़कियां शादीशुदा हैं।
पिटीशनर्स एनजीओ इंडिपेंडेंट थॉट ने क्या मांग की थी?
-आईपीसी के सेक्शन 375 के एक अपवाद को कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 14, 15 और 21 का वॉयलेशन बताया था। धारा 375 में कहा गया है कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है तो उसके साथ पति का सेक्स करना रेप की कैटेगरी में नहीं आता।
- एक पिटीशनर का तर्क था कि सेक्शन 375 का अपवाद प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट और इंटरनेशनल कन्वेंशन का भी वॉयलेशन है।
किसने क्या दलील दी?
केंद्र सरकार की दलील: सदियों से चली आ रही है परंपरा, पति को प्रोटेक्शन देने वाली धारा बरकरार रहे, कोर्ट चाहे तो पार्लियामेंट विचार करने को तैयार है।
जस्टिस लोकुर ने कहा:यह फैसला मैरिटल रेप पर नहीं है। सिर्फ नाबालिग पत्नी से संबंध बनाने पर है। रेप के कानून में अपवाद दूसरे कानूनों से अलग है। यह बच्ची के अपने शरीर पर हक और खुद फैसला लेने के हक का वॉयलेशन है।
जस्टिस गुप्ता ने कहा: सभी कानूनों में शादी की उम्र 18 साल है। रेप से जुड़े सेक्शन 375(2) से संबंधित अपवाद सनकी, मनमाना और नाबालिग के हक के खिलाफ है। यह कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 14, 15 और 21 के खिलाफ है। POCSO एक्ट से भी उलट है।
सहमति की उम्र 15 नहीं कर सकते: जस्टिस लोकुर
- जस्टिस एमबी लोकुर ने 5 प्वाइंट पर अपना फैसला जस्टिफाई किया
1) यह विसंगति ऐसे नहीं छोड़ सकते। हजारों बच्चियों का जीवन दांव पर है।
2) अपवाद खत्म नहीं कर सकते। ऐसी कोई मांग ही नहीं की गई है।
3) सहमति की उम्र 15 भी नहीं कर सकते हैं। यह काम संसद का है।
4) पोक्सो एक्ट के तहत नहीं ला सकते। कई कानून बदलने होंगे।
5) इसलिए पोक्सो एक्ट के अनुसार इस अपवाद को बदलना ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है।
नाबालिग लड़की की शादी के मामले में हिंदू सबसे आगे
- 2011 के सेंसस के डाटा में फीसदी के हिसाब से देखें तो नाबालिग उम्र में लड़कियों की शादी का चलन सबसे ज्यादा हिंदुओं में और सबसे कम सिखों में है। इस मामले में हिंदू और मुस्लिमों में ज्यादा अंतर नहीं है।
फीसदी में नाबालिग लड़कियों की शादी...
हिंदू: 8.6 करोड़ (31.3%)
मुस्लिम: 1.6 करोड़ (30.6%)
क्रिश्चियन: 9.5 लाख (12%)
सिख: 9.5 लाख (10.9%)
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