भारत ग्लोबल पावर तभी सुलझा डोकलाम: राजनाथ; चीन बोला-1890 की संधि मानो
Mon, Oct 9, 2017 8:22 PM
नई दिल्ली/बीजिंग. होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत अब ग्लोबल पावर है, इसीलिए डोकलाम विवाद सुलझ गया। उधर, चीन ने 1890 के यूके-चीन समझौते का जिक्र करते हुए दावा किया है कि इसके तहत ही सिक्किम में भारत-चीन बॉर्डर को तय किया गया है, लिहाजा नई दिल्ली को इस संधि के प्रावधानों (provisions) को मानना चाहिए। बता दें कि सिक्किम के डोकलाम एरिया में काफी दिनों तक दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने थे। 72 दिनों बाद 28 अगस्त को भारत-चीन अपने सैनिकों को वहां से हटाने पर सहमत हुए थे। भारत कमजोर होता, तो डोकलाम का अब तक हल नहीं निकलता...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने बेंगलुरू में एक प्रोग्राम के दौरान कहा, "सभी को यह लग रहा था कि डोकलाम विवाद के कारण चीन और भारत के बीच के संबंध बिगड़ जाएंगे, लेकिन दोनों देशों ने इस मुद्दे को समझ-बूझकर सुलझा लिया। अगर भारत कमजोर बना रहता, तो डोकलाम गतिरोध अब तक हल नहीं होता। यह इसीलिए संभव हुआ, क्योंकि भारत अब एक ग्लोबल पावर बन गया है।"
ऐतिहासिक समझौता सबसे अच्छा सबूत: चीन
- दूसरी तरफ, चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सिक्किम में भारत-चीन बॉर्डर को 1890 के ऐतिहासिक समझौते के तहत तय किया गया था, यह समझौता ही इस सच्चाई का सबसे अच्छा सबूत है। हम भारत से अपील करते हैं कि वह इस सच को माने और इस ऐतिहासिक सीमा समझौते के प्रावधानों और दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक समझौते को माने। साथ ही हमारे साथ मिलकर बॉर्डर एरिया में शांति बनाए रखने पर काम करे।
- न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन की तरफ से यह बयान भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के नाथु ला पोस्ट के दौरे के एक दिन बाद सामने आया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी को सीतारमण के दौरे पर पूछे गए सवाल पर लिखित में जवाब दिया है, जिसमें 1890 के समझौते का जिक्र है।
पहले चीन ने इस समझौते का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया था
- इससे पहले, चीन ने डोकलाम विवाद के दौरान 1890 के ब्रिटेन-चीन समझौते का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया था। जब तक गतिरोध बरकरार रहा, तब तक चीन यही कहता रहा कि सिक्किम में दोनों देशों की ब्राउंड्री तिब्बत से लगती है इसीलिए डोकलाम विवाद सुलझा लिया गया।
- सीतारमण ने चीन-इंडिया बॉर्डर पर नाथु ला एरिया का दौरा किया था, वहां उन्होंने आर्मी के जवानों और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के ऑफिशियल्स से मुलाकात की थी। नाथु ला दोनों देशों के बॉर्डर पर आखिरी पोस्ट है। डोकलाम विवाद सुलझने के बाद भारत की तरफ से किसी मंत्री की यह पहली हाई लेवल विजिट थी।
कैसे हल हुआ डोकलाम विवाद?
- 16 जून को शुरू हुए डोकलाम विवाद का हल 72 दिनों बाद 28 अगस्त को सामने आया। दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक लेवल पर 38 मीटिंग्स के बाद भारत-चीन के बीच जवानों का ‘डिसइंगेजमेंट’ करने पर रजामंदी बनी। चीन ने बॉर्डर से रोड बनाने के इक्विपमेंट और बुलडोजर्स हटा लिए। भारत ने भी वहां से अपने सैनिकों को हटा लिया।
क्या था डोकलाम विवाद?
- चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा था। यह घटना 16 जून को सामने आई थी। डोकलाम के पठार में ही चीन, सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। भूटान और चीन इस इलाके पर दावा करते हैं। भारत भूटान का साथ देता है। भारत में यह इलाका डोकलाम और चीन में डोंगलाेंग कहलाता है।
- चीन ने 16 जून से यह सड़क बनानी शुरू की थी। भारत ने विरोध जताया तो चीन ने घुसपैठ कर दी थी। चीन ने भारत के दो बंकर तोड़ दिए थे।
- दरअसल, सिक्किम का मई 1975 में भारत में विलय हुआ था। चीन पहले तो सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता था। लेकिन 2003 में उसने सिक्किम को भारत के राज्य का दर्जा दे दिया। हालांकि, सिक्किम के कई इलाकों को वह अब भी अपना बताता है। जम्मू-कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश के बीच 3488 km लंबी सीमा में से 220 km लंबी सीमा सिक्किम में पड़ती है।
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