नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच शिखर बैठक नई दिल्ली में शुक्रवार को हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड फ्रैंकसिजेक टस्क और यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष जीन जंकर से मुलाकात की।
इस दौरान भारत और यूरोपीय यूनियन ने सौर गठबंधन निवेश, बेंगलुरु मेट्रो निवेश और विज्ञान अनुसंधान विनिमय समझौता पर हस्ताक्षर किए। यूरोपीय यूनियन में 28 देश शामिल हैं।
यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त प्रैस वार्ता भी की, जिसमें आतंकवाद पर खासा प्रहार किया गया। मोदी ने कहा कि यूरोपीय यूनियन से बहुआयामी संबंध और सामरिक भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है।
पीएम ने कहा कि पिछले साल हुए सम्मेलन के मुकाबले इस साल हमारे संबंध ज्यादा मजबूत हुए हैं। पीएम ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ाई लड़ेंगे। इसे खत्म करने के लिए दोनों को सहयोग सहयोग करना चाहिए।
डोनाल्ड टस्क ने गतिशील व्यापार को विकसित करने, वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए भी सहमति व्यक्त की। यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। टस्क ने कहा कि भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा के लिए दोनों में सहमति बनी है। उनका कहना है कि भविष्य में दोनों के बीच सैन्य सहयोग में भी बढ़ोतरी होगी।
गौरतलब है कि साल 2016 में ईयू के साथ करीब 88 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसके अलावा ईयू भारत के निर्यात का भी सबसे बड़ा केंद्र है। भारत ने यूरोप से 2000-2017 के दौरान करीब 83 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त किया। यह देश के कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का 24 फीसद है।
भारत और यूरोपीय यूनियन 2004 से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। 13वीं इंडिया-ईयू वार्ता 30 मार्च 2016 को ब्रसेल्स में हुई थी।
मुक्त व्यापार समझौता अधर में
यूरोपीय संघ के साथ वार्ता में मोदी ने कई समझौते किए, लेकिन मुक्त व्यापार समझौता अधर में ही दिख रहा है। इस पर कोई सार्थक चर्चा नहीं हो सकी। जीन जंकर ने केवल इतना कहा कि जब स्थितियां अनुकूल होंगी तब इस मसले पर फिर से वार्ता शुरू की जाएगी।
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