नई दिल्ली। अब सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रक्रिया गोपनीय नहीं रहेगी। कोलेजियम की सिफारिशों को अब सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में गोपनीयता के चलते उठ रहे सवालों पर विराम लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पूर्ण पारदर्शिता की ओर कदम बढ़ाया है।
कोलेजियम ने फैसला किया है कि हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की सिफारिशें और उसके आधार का सारा ब्योरा वेबसाइट पर डाला जाएगा।
इसके साथ ही कोलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट में 10 और केरल हाई कोर्ट में तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिशें वेबसाइट पर डाल भी दी हैं।
पिछले दिनों कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश जयंत पटेल का इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरण और उसके बाद जस्टिस पटेल का इस्तीफा दे देना काफी चर्चा में रहा था। इससे पहले भी कई बार कोलेजियम के फैसलों पर सवाल उठ चुके हैं।
ऐसे में जजों की नियुक्ति और स्थानांतरण प्रक्रिया को सार्वजनिक करने का यह कदम अहम माना जा रहा है। कोलेजियम ने गत तीन अक्टूबर को इस बारे में प्रस्ताव पारित किया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के फैसले और उसके कारण वेबसाइट पर डालने का प्रस्ताव पेश किया।
कोलेजियम ने मुख्य न्यायाधीश के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के मुताबिक जब भी किसी की हाई कोर्ट में नियुक्ति, उन्हें स्थाई किए जाने, स्थानांतरण अथवा किसी न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने के लिए सरकार से सिफारिश की जाएगी, वैसे ही फैसले और उसका कारण सुप्रीम कोर्ट बेवसाइट पर डाल दिया जाएगा।
हर स्तर का ब्योरा इसलिए वेबसाइट पर डाला जाएगा, क्योंकि हर बार कोलेजियम के समक्ष विचार के लिए पेश किया जाने वाला ब्योरा पहले से भिन्न होता है।
तीन अक्टूबर को ही कोलेजियम ने मद्रास और केरल हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इसका ब्योरा वेबसाइट पर डाल दिया गया है।
ये हैं कोलेजियम के सदस्य-
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम चार न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ कोलेजियम के सदस्य हैं। जो नियुक्ति और स्थानातंरण प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
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