Thursday, 22nd May 2025

दिग्विजय के बेटे-बहू पकाएंगे खाना, सोने-चांदी के थालियों में परोसेंगे पकवान

Fri, Oct 6, 2017 7:20 PM

इंदौर.रियासतों में जब ख़ास मेहमान आते थे तो शाही बावर्ची सबसे बेहतरीन पकवान बनाते थे। इत्र, केसर डली लज्ज़तें गुलाब की पंखुड़ियों से सजाकर सोने-चांदी के थाल में परोसी जाती थीं। कुछ इसी अंदाज़ में देश के 25 नामी राजसी घरानों का दस्तरख्वान बेल्जियम एम्बेसी में सजाया जाएगा। दिग्विजय के बेटे-बहू पकाएंगे शाही पकवान...
 
 
 
बेल्जियम एम्बेसी में 27 से 29 अक्टूबर तक डाइन विद रॉयल्टी फेस्ट होगा। इसमें रामपुर, कश्मीर, महमूदाबाद, पटियाला सहित भारत के 25 घरानों के सदस्य खुद ये शाह डिशेस पकाएंगे। इंदौर से एमपी और लिमड़ी घराने का प्रतिनिधित्व करेंगे फूड कनॉज़ियर शिवराज सिंह लिमड़ी। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघोगढ़ घराने के ज़ायके पकाएंगे। दुनियाभर से आने वाले एम्बेसेडर्स और खास मेहमानों को ये पकवान परोसे भी शाही अंदाज़ में जाएंगे।

इस फेस्ट में इंदौर से शामिल होने जा रहे शिवराज़ सिंह लिमड़ी ने बताया कि पकाने के लिए जिन खास बर्तनों औद ईंधन की ज़रूरत थी उसकी लिस्ट एक महीने पहले ही बुलवा ली गई थी। जैसे कोयले पर भरते (छोटा लोटानुमा बर्तन) में पकी दाल का स्वाद कुकर में कभी नहीं आएगा। कुछ ज़ायके जा वहां परोसे जाएंगे उन्हें बनाने का तरीका भी हम शेअर कर रहे हैं।
 
सफेद उड़द से बनती है माश दाल
सफेद उड़द उबालें। घी गर्म कर खड़ी लाल मिर्च का बघार लगाएं। पिसा हुआ गर्म मसाला डालें और पहले से उबली हुई दाल डाल दें। एक-दो उबाल आ जाए तब बारीक कटे हुए लहसुन और जीरे का तड़का घी में लगाकर ऊपर से डालें।
 
हिमाचल के नाहन घराने की डिश मद्रा
1 किलो राजमा रात में भिगो दें। सुबह बनाने के लिए 500 ग्राम देसी घी में सारे खड़े गर्म मसाले डालें। वो फूटने लगें तब दही डाल दें। दही थोड़ा गर्म हो जाए तब गला हुआ राजमा डालें। नमक डालें और तब तक पकाएं जब तक कि दही नहीं गायब हो जाता। सर्व करने से इलायची पाउडर डालें।
 
जंगी सैनिकों की ईजाद की गई डिशेस परोसेंगे
1673 में राजा लालसिंह ने राघोगढ़ ठिकाने का स्थापना की थी। दिग्विजय सिंह के बेटे और बहू जयवर्धन सिंह और श्रीजम्या शाही इस ठिकाने के पकवान परोसेंगे। बताया जाता है कि पड़ोस की रियासतों के साथ मिलकर हांका दौड़ करते थे राघोगढ़ में। इसलिए राघोगढ़ के व्यंजनों में पड़ोसी घरानों की डिशेस भी शामिल हो गई हैं। जयवर्धन जंग सैनिकों के लिए बनवाई जाने वाली डिशेस बनाएंगे जो पौष्टिक होती थीं और ज्यादा दिनों तक स्टोर की जा सकती थीं।
 
ऐसी ही एक डिश है सूसा के आलू। हालांकि यह डिश सैलाना की है, लेकिन कई घरानों में चाव से खाई जाती है। सूसा के जंगली आलू सिर्फ घी और लाल मिर्च से बनते हैं। हांडी में घी गर्म कर मथानिया से मंगवाई गई लाल मिर्च डालें। हल्दी नमक और छिले हुए मीडियम साइज़ आलू डालें। पानी उतना ही डालें कि आलू फ्राय भी न हों और उबलें भी ना। दो बार पानी डालना होगा। ये दो तीन दिन खराब नहीं होते।

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