मंदसौर गोलीकांड : जिन्हें 1-1 करोड़ मुआवजा मिला, उन्हें ही जांच पर संदेह
Thu, Oct 5, 2017 5:57 PM
इंदौर . किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में हुए गोलीकांड की जांच देश की किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब भी मांगा है। खास बात यह है कि यह याचिका उन लोगों ने लगाई है जिनके परिजन की गोलीकांड में मौत हुई है और सरकार उनके परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में दे चुकी है।
- जस्टिस पीके जायसवाल, जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिविजन बेंच के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में उल्लेख किया है कि सरकार ने जो कमेटी बनाई है वह ठीक से जांच नहीं कर सकती। जांच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
- रिटायर्ड हाई कोर्ट जज जेके जैन को भले जांच का जिम्मा सौंपा है, लेकिन इसमें सहयोग सरकार के ही कर्मचारी करेंगे। इसलिए अच्छा होगा कि जांच ऐसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए, जिसमें मप्र का कोई अधिकारी शामिल न हो।
- उल्लेखनीय है लगभग इसी तरह की एक और याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इसमें यह घटना एसआईटी को सौंपने की मांग की गई है। सरकार इस याचिका पर प्राथमिक रूप से कोर्ट में जवाब भी दे चुकी है।
- सरकार ने जैन कमेटी को ही सक्षम बताया है। किसी भी व्यक्ति को इस घटना के संबंध में तथ्य रखना है तो वह कमेटी के पास जा सकता है। एसआईटी या किसी अन्य एजेंसी को जांच सौंपने की जरूरत नहीं है।
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