रात में लड़ाकू विमानों की उड़ान बढ़ा रहा IAF, स्ट्राइक कैपिसिटी को मिलेगी मजबूती
Tue, Oct 3, 2017 5:37 PM
नई दिल्ली.स्ट्राइक कैपिसिटी पहले से मजबूत करने के लिए एयरफोर्स रात में फाइटरजेट्स की उड़ाने बढ़ा रहा है। एक सीनियर अफसर के मुताबिक, मौजूदा वक्त में लड़ाकू विमानों की नाइट फ्लाइंग 30% है। इस रेश्यो को बढ़ाया रहा है ताकि फाइटर स्क्वॉयड चौबीसों घंटे स्ट्राइक के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में जंग के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। हमें भी पहले से इसके लिए खुद को तैयार करना होगा। फिलहाल वेस्टर्न और नॉर्दन बॉर्डर पर मौजूद सभी एयरबेस ने रात में जेट्स की उड़ानों का रेश्यो बढ़ाया है। IAF के पास बेहतर सेंसर और रडार सिस्टम...
- एयरफोर्स अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि स्ट्राइक की कैपिसिटी बढ़ाने के लिए रात में फाइटरजेट्स को उड़ाने का फैसला लिया है। हम चाहते हैं कि फाइटर स्क्वॉयड चौबीसों घंटे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार रहे। जेट्स की नाइट फ्लाइंग 30% से बढ़ाने से पहले हमें कई सिक्युरिटी फैक्टर्स को भी देखना होगा।
- रात में जेट्स उड़ाने का रेश्यो बढ़ाने के लिए एयरफोर्स के पास पहले से बेहतर इलेक्ट्रॉनिक सेंसर, रडार, एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें मौजूद हैं। अब इससे नाइट ऑपरेशन में कोई रुकावट नहीं होगी। मौजूदा हालात में जंग के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। हमें भी खुद को इससे लिए तैयार करना होगा। जंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को मजबूती देनी होगी।
100 से ज्यादा जेट्स शामिल करेगा IAF
- एयरफोर्स अपने सभी तरह के हमलों की कैपिसिटी बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। इसके तहत जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ अगले कुछ सालों में 100 से ज्यादा फाइटरजेट्स भी जंगी बेड़े में शामिल किए जाएंगे।
- पिछले साल सितंबर में ही भारत सरकार ने 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपए का करार किया था। इनमें से 18 राफेल जेट अंबाला और इतने ही हासिमारा बेस पर तैनात किए जाएंगे।
- सूत्रों की मानें तो एयरफोर्स ने अपने फ्रंट लाइन बेस में शामिल पठानकोट, अंबाला, हलवारा और हासिमारा को किसी भी मुश्किल हालात से निपटने के लिए तैयार कर लिया है।
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