Thursday, 22nd May 2025

चीन के OBOR के मुकाबले ईरान से 7200km का कॉरिडोर बनाएगा भारत

Mon, Oct 2, 2017 5:35 PM

नई दिल्ली. ईरान के चाबहार पोर्ट से भारत 7200 किमी का इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर (INSTC) बनाएगा। इससे भारत की सेंट्रल एशियन रिपब्लिक्स (CARs), रूस और यूरोप तक पहुंच हो जाएगी। चीन के वन बेल्ट-वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट के मुकाबले इस रोड को भारत की स्ट्रैटजी कहा जा रहा है। बता दें कि चीन, पाक के ग्वादर पोर्ट से शिनजियांग तक चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) बना रहा है, जो पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से गुजरेगा। ये कॉरिडोर चीन के OBOR प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है। भारत, CPEC को लेकर अपना विरोध जता चुका है। भारत, चाबहार से 883 किमी की सड़क बना चुका है...
 
 

- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारत चाबहार से अफगानिस्तान के सीमावर्ती शहर जरांज तक 883 किमी की सड़क बना चुका है। इस सड़क को 2009 में भारत के बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन ने बनाया था।
- इस रोड से अफगानिस्तान के 4 शहरों हेरात, कंधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ को जोड़ा गया है।
- इसी साल अगस्त में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ईरान दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने कहा था कि चाबहार से अफगानिस्तान तक रेलवे और सड़क बनाने पर बात चल रही है। इससे हमें रूस तक एक्सेस मिल जाएगा।
- गडकरी ने ये भी कहा था, "उम्मीद है कि 12-18 महीने में चाबहार शुरू हो जाएगा। इससे व्यापार के लिए कई मौके मिलेंगे। यह भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए एक गेटवे की तरह काम करेगा।"
- बता दें कि सितंबर, 2014 में ईरान की रिक्वेस्ट पर भारत सरकार ने चाबहार पोर्ट पर डेवलपमेंट करने की बात कही थी।
 
कैसे हैं भारत-ईरान के रिश्ते?
- मई, 2016 में नरेंद्र मोदी ईरान के दौरे पर गए थे। वे 15 साल में पहली बार ईरान जाने वाले भारतीय पीएम बने थे।
- उन्होंने चाबहार पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 50 करोड़ डॉलर की सहायता देने का एलान किया था।
 
क्या है OBOR?
- OBOR, प्रेसिडेंट शी जिनपिंग का पसंदीदा प्लान है। इसके तहत चीन पड़ोसी देशों के अलावा यूरोप को सड़क से जोड़ेगा। ये चीन को दुनिया के कई पोर्ट्स से भी जोड़ देगा।
- एक रूट बीजिंग को तुर्की तक जोड़ने के लिए प्रपोज्ड है। यह इकोनॉमिक रूट सड़कों के जरिए गुजरेगा और रूस-ईरान-इराक को कवर करेगा।
- दूसरा रूट साउथ चाइना सी के जरिए इंडोनेशिया, बंगाल की खाड़ी, श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान, ओमान के रास्ते इराक तक जाएगा।
- पाक से साथ बन रहे CPEC को इसी का हिस्सा माना जा सकता है। फिलहाल, 46 बिलियन डॉलर के चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर काम चल रहा है। बांग्लादेश, चीन, भारत और म्यांमार के साथ एक कॉरिडोर (BCIM) का प्लान है।
- CPEC के तहत पाक के ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग को जोड़ा जा रहा है। इसमें रोड, रेलवे, पावर प्लान्ट्स समेत कई इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट किए जाएंगे।
- CPEC को लेकर भारत विरोध करता रहा है। हमारा दावा है कि कॉरिडोर पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से गुजरेगा, तो इससे सुरक्षा जैसे मसलों पर असर पड़ेगा।
 
OBOR समिट में शामिल नहीं हुआ था भारत
- 13-14 मई को बीजिंग में हुई OBOR समिट में भारत शामिल नहीं हुआ था। चीन ने भारत को शामिल होने के लिए न्योता भेजा था।
- भारत ने कहा था, "हम क्षेत्र में कनेक्टिविटी को लेकर जोर देते रहे हैं लेकिन OBOR में पाकिस्तान की तरफ से समस्या रही है। इसकी वजह ये है कि OBOR का हिस्सा माना जाने वाला चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पीओके से होकर गुजरेगा।"
- भारत ने समिट शामिल न होने की वजह कश्मीर और सॉवेरीनटी (संप्रभुता) को बताया था। इसमें दुनियाभर के 29 देश शामिल हुए थे।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery