दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के खेलने के नियमों में सुधार से अनुचित व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को मैदान से बाहर करना अब क्रिकेट में सच्चाई बनने जा रही है। इन नए नियमों को 28 सितंबर या इसके बाद से शुरू हो रही सभी सीरीज में लागू किया जाएगा। इन बदलावों में बल्ले के आकार की सीमा और डीआरएस में बदलाव शामिल हैं।
हालांकि, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी वर्तमान सीरीज पुराने नियमों के अनुसार ही खेली जाएगी। ये सभी नए नियम आगामी दो टेस्ट सीरीज में प्रभावी होंगे। इनमें दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश की मेजबानी करेगा और संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान की टीम श्रीलंका का सामना करेगी।आईसीसी की खेल स्थितियों में अब एमसीसी के क्रिकेट के नियम (2017 संहिता) से संबंधित धाराओं को शामिल किया गया है।
आईसीसी के महाप्रबंधक (क्रिकेट) ज्योफ अलार्डिस ने कहा, "आईसीसी ने खेलने के नियमों में ज्यादातर बदलाव एमसीसी द्वारा घोषित क्रिकेट नियमों के बदलाव के परिणामस्वरूप किए हैं। हमने हाल में अंपायरों के साथ कार्यशाला पूरी की है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी बदलावों को समझ लें और हम अब अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने के नए नियमों को शुरू करने के लिए तैयार हैं।"
ये होंगे नए बदलाव
बल्ले से संबंधित नए नियम
बल्ले की लंबाई और चौड़ाई पर रोक बरकरार रहेगी, लेकिन किनारे की मोटाई अब 40 मिमी से ज्यादा नहीं हो सकती और पूरी गहराई अधिकतम 67 मिमी ही हो सकती है।--अंपायरों को नया बैट गॉज (बल्ले का आकार मापने का पैमाना) दिया जाएगा, जिससे वे खिलाड़ियों के बल्ले की जांच कर सकते हैं।
अनुचित व्यवहार संबंधी नए नियम
अनुचित व्यवहार करने पर अंपायर किसी भी खिलाड़ी को मैच के बीच से ही पवेलियन भेज सकेंगे। इसका मतलब यह है कि यह नियम चौथे स्तर के अपराधों पर लागू होगा। इससे पहले के एक से तीन स्तर के अपराधों का आईसीसी आचार संहिता के अनुसार ही निपटारा किया जाएगा।--अंपायर को मारने की धमकी, अंपायर के साथ अनुचित और जानबूझकर शारीरिक संपर्क करना, खिलाड़ियों या किसी अन्य व्यक्ति पर शारीरिक रूप से हमला करना और हिंसा का कोई अन्य काम करना सभी चौथे स्तर के उल्लंघन में शामिल होंगे।
डीआरएस से जुड़े नए नियम
अब टीमें टी-20 मैचों में भी डीआरएस का इस्तेमाल कर सकेंगी। अब तक टी-20 क्रिकेट में डीआरएस का इस्तेमाल नहीं होता था।
- अब यदि डीआरएस लेने पर "अंपायर कॉल" की वजह से फैसला नहीं बदला गया है, तो भी डीआरएस लेने वाली टीम का रिव्यू खत्म नहीं होगा। अब तक इस स्थिति में भी रिव्यू खत्म हो जाता था।
- टेस्ट मैचों में एक पारी में 80 ओवर के बाद अब टॉपअप रिव्यू नहीं होंगे। यानी कि अब एक पारी में किसी भी टीम को दो से ज्यादा रिव्यू नहीं मिलेंगे।
रनआउट व क्षेत्ररक्षण के नए नियम
अब डाइव लगाकर क्रीज में पहुंचने के बावजूद अगर बेल्स गिरते वक्त बल्लेबाज के शरीर का कोई हिस्सा या बल्ला हवा में रह जाता है तो उसे आउट नहीं माना जाएगा। पहले बल्लेबाज या बल्ले का क्रीज के अंदर पहुंचना जरूरी था।
-अगर क्षेत्ररक्षण के दौरान गेंद विकेटकीपर या किसी क्षेत्ररक्षक के हेलमेट से टकराकर उछलती है, तो उस हालत में भी बल्लेबाज को कैच, स्टंप या रनआउट किया जा सकेगा।
- बाउंड्री पर कैच के मामले में अब क्षेत्ररक्षक के लिए जरूरी होगा कि जब वह गेंद को हवा में लपके तो उस समय उसने गेंद बाउंड्री के अंदर ही कैच कर ली हो
- बाउंड्री के बाहर कैच लेने पर उसे कैच नहीं मानकर बाउंड्री माना जाएगा और बल्लेबाज को छह रन दिए जाएंगे।
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