Thursday, 22nd May 2025

एकाएक बढ़ी संपत्ति, आयकर विभाग ने थमाए 80 हजार लोगों को नोटिस

Tue, Sep 26, 2017 9:29 PM

 भोपाल। नोटबंदी के बाद मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में जिन लोगों ने एकाएक लाखों-करोड़ों रुपए का लेनदेन कर डाला, अब उनसे पाई-पाई का हिसाब मांगा जा रहा है। आयकर विभाग ने लंबी छानबीन और सूचनाओं के आधार पर दोनों राज्यों के करीब 80 हजार लोगों को नोटिस भेज दिए हैं। इनमें नए अमीरों की संख्या ज्यादा है, इन सभी से आय के स्रोत और पिछले वर्षों का ब्योरा मांगा गया है।

आयकर विभाग ने अपने सॉफ्टवेयर में जो जानकारियां फीड की थीं, उसके आधार पर दोनों राज्यों के नवधनाढ्यों को कम्प्यूटर ने ही ये नोटिस निकाले हैं। नोटिस का जवाब अब संबंधित क्षेत्र के आयकर अफसर को देना होगा। अधिकारी करदाता की आय के स्रोत देखकर उससे पूछताछ करेगा। साथ ही एकाएक बढ़ी संपत्ति के दस्तावेज भी मांगेगा।

आय-व्यय का ब्योरा पूछा 

 

विभाग ने 'ऑपरेशन क्लीन मनी" के तहत दोनों राज्यों में रायपुर, इंदौर एवं भोपाल चीफ कमिश्नर के दायरे में आने वाले क्षेत्र में ये नोटिस जारी किए हैं। अकेले भोपाल कमिश्नरेट में ही 17 हजार लोगों से आय का स्रोत पूछा गया है। विभागीय अफसरों का कहना है कि यह रुटीन प्रक्रिया है। करदाता पूछे गए सवालों का जवाब सहजता से दे दें।

नए सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग

 

विभाग ने हाल ही में नया सॉफ्टवेयर 'इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन" लागू किया है। इस पर सारा काम ऑनलाइन होगा। विभागीय अफसरों की अभी इस सॉफ्टवेयर पर चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग चल रही है। भोपाल में पिछले सप्ताह तक आईटीओ की ट्रेनिंग जारी थी।

अफसर को नहीं मालूम

 

आश्चर्य यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में आयकर अफसर को मालूम ही नहीं कि किस-किस को नोटिस जारी हुए हैं। करदाता के जवाब को निर्धारित पैरामीटर के हिसाब से कम्प्यूटर में फीड कर दिल्ली भेजा जाएगा। उसके बाद किस मामले को स्क्रूटनी अर्थात छानबीन में लेना है, यह भी कम्प्यूटर ही तय करेगा।

इनको रखा निशाने पर

 

- दो लाख अथवा ज्यादा रकम का बैंक से लेनदेन।

- पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अचानक ज्यादा आय दिखाई।

- बाजारों में बड़ी खरीददारी, प्रॉपर्टी, ज्वेलरी एवं महंगी गाड़ियां।

- पिछले वर्षों के आयकर रिटर्न से इस बार बड़ा अंतर।

आयकर: कब-क्या हुआ

 

- इनकम डिक्लेरेशन स्कीम: 1 जून-30 सितंबर 2016 (प्रथम चरण)

- नोटबंदी: 8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016

- आईडीएस-2: 31 दिसंबर 2016 से 31 मार्च 2017

कालाधन: 2700 करोड़ 

 

मप्र-छग में कालाधन स्वीकारो योजना के तहत करीब 2700 करोड़ रुपए का कालाधन सामने आया था। इसमें करीब छह हजार लोगों ने अपनी अघोषित आय का खुलासा किया था। इनमें सबसे ज्यादा रायपुर चीफ कमिश्नर के क्षेत्र उसके बाद भोपाल और इंदौर में सबसे कम राशि सामने आई थी।

असामान्य लेनदेन की पूछताछ

 

'ऑपरेशन क्लीन मनी' के तहत असामान्य लेनदेन और आय की पूछताछ के लिए बड़े पैमाने पर नोटिस जारी किए गए हैं। अकेले भोपाल में ही नोटिस की संख्या हजारों में है।

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