इंजीनियर से लेकर MBA डिग्री वाले 8 लोगों ने लिया संन्यास, 6 अक्टूबर को लेंगे दीक्षा
Mon, Sep 25, 2017 5:16 PM
इंदौर. दिगंबर जैन समाज के 8 दीक्षार्थी 6 अक्टूबर को आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के सान्निध्य में दीक्षा लेंगे। इससे पहले दैनिक भास्कर ने जाना कि आखिर उनके जीवन में ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने अच्छा एजुकेशन, बेहतर नौकरी और संपन्न परिवार को छोड़कर संन्यास की राह को अपना लिया। 8 साल की उम्र से ही जागा वैराग्य भाव...
- 19 साल के भरत टीकमगढ़ के रहने वाले हैं। वे 10वीं के बाद 3 साल से आचार्यश्री के साथ हैं।
- भरत कहते हैं, "जब मैं 8 साल का था तब नानी के घर एक दीक्षार्थी आए थे। उनसे मिलकर काफी प्रभावित हुआ।"
- "छतरपुर में 2014 में महाराजश्री से कहा कि दीक्षा लेनी है तो उन्होंने कहा- माता-पिता से आज्ञा लेकर आओ।"
- "घर आया और 25 दिन तक कुछ नहीं बताया। जब बताया तो डांट पड़ी। फिर एक दिन आचार्यश्री के पास आ गया।"
मन में बात आई और सब कुछ त्याग दिया
- 35 साल के दीपक पंढरपुर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। हाई स्कूल पास करने के बाद होमगार्ड में नौकरी कर रहे थे।
- उनकी कई बार ऐसी जगहों पर ड्यूटी लगी, जहां पर आचार्य और मुनि के प्रवचन होते थे।
- प्रवचन में महाराजश्री ने एक बार कहा कि पैसे और स्त्री इन दोनों के लिए ही महाभारत का युद्ध हुआ था।
- वर्तमान में भी यही हाे रहा है। यही बात दीपक के मन को लग गई और सब कुछ छोड़ दिया।
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