बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिशन 360 की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
Mon, Sep 25, 2017 5:10 PM
नई दिल्ली. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिशन 360 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिल्ली में 2 दिन की पार्टी की नेशनल एग्जीक्यूटिव की मीटिंग रविवार को शुरू हुई। सोमवार को नरेंद्र मोदी और अमित शाह मीटिंग में स्पीच देंगे। शाह ने 360 सीटें जीतने के लिए एक सीक्रेट इलेक्शन प्लान बनाया है। शाह के इलेक्शन प्लान की सीक्रेट रिपोर्ट दैनिक भास्कर के पास मौजूद है। बीजेपी 18 राज्यों की उन 123 लोकसभा सीटों पर प्लान को लागू करेगी, जहां दूसरी पार्टियों की हालत मजबूत रही है।
बीजेपी नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में ढाई लाख हारे हुए सरपंचों को जोड़ने का टारगेट
- बीजेपी इस प्लान को सबसे पहले वहां लागू करेगी, जहां पार्टी बेहद कमजोर है। इनमें मध्य प्रदेश की रतलाम, छिंदवाड़ा, गुना, हरियाणा की रोहतक, छत्तीसगढ़ की दुर्ग, पंजाब की अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, संगरूर, पटियाला जैसी 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटें हैं। ये सीटें कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों का अभेद्य गढ़ रही हैं।
- इन जगहों पर कांग्रेस और विपक्ष के बूथ वर्कर्स को बीजेपी अपने साथ जोड़ने के लिए कैंपेन चलाएगी। साथ ही देश की ढाई लाख पंचायतों में हारे हुए सरपंचों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इस काम के लिए शाह ने अपनी सबसे बेस्ट टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
चुनाव को लेकर शाह के 3 गेम चेंजर आइडिया
1. लोकसभा की जिन सीटों पर बीजेपी कभी नहीं जीती या पिछली बार बड़े अंतर से हार गई, ऐसी सभी सीटों पर कांग्रेस के बूथ लेवल के वर्कर्स को पार्टी में शामिल करना, ताकि कांग्रेस को जड़ से कमजोर किया जा सके। चुनाव से पहले हर बूथ पर 20 दलितों की टोली तैनात होगी।
2. 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटों पर अगले दो महीने में बीजेपी के प्रत्याशियों का पैनल बनाकर कैंडिडेट तय करना, ताकि उन्हें तैयारी करने का पूरा समय मिले। वे क्षेत्र में जाकर लोगों को जोड़ सकें।
3. देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हारे सरपंच कैंडिडेट को जोड़ना। मौजूदा सरपंचों के खिलाफ एंटी इन्कंबेंसी का डर है।
ये है चुनाव की जमीन तैयार करने की रणनीति
# कांग्रेस के गांवों में फैले नेटवर्क को खत्म करना
- कुछ इलाके के गांवों में कांग्रेस का नेटवर्क बीजेपी से मजबूत है। वहां कांग्रेस के बूथ वर्कर्स को बीजेपी की मेंबरशिप दिलाई जाए। मदद संघ का लोकल नेटवर्क करेगा।
# विपक्ष में असंतोष का फायदा उठाना
- जहां विपक्ष के नेताओं में फूट है, वहां दोनों गुटों में आपसी असंतोष को और बढ़ाना, ताकि उस स्थिति का फायदा भाजपा उठा सके।
# आरटीआई-पीआईएल से आंदोलन खड़ा करना
- जहां बीजेपी कमजोर है, वहां लोगों को जोड़ने के लिए मोदी की योजनाओं का प्रचार किया जाए। साथ ही आरटीआई और पीआईएल के जरिए आंदोलन खड़ा किया जाए।
# एनजीओ-धार्मिक संस्थाओं से मेलजोल बढ़ाना
- क्षेत्र के गैर सरकारी संगठन, सामाजिक काम करने वाली संस्थाओं से लगातार कॉन्टैक्ट करना। उनसे अच्छे रिश्ते बनाना। ताकि चुनाव में फायदा मिल सके।
# हर असेंबली में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाना
- हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर 1250 लोगों को सोशल वारियर के रूप में तैयार करना। हर बूथ पर 20 दलितों को मेंबर बनाकर सक्रिय किया जाए।
विपक्ष के गढ़ में मोदी के होंगे दौरे
- शाह ने इन 123 सीटों को 5-5 के क्लस्टर में बांटा है। हर क्लस्टर में मोदी दौरा करेंगे।
- 25 लोगों के अलग-अलग कलस्टर बनाकर 4 से 7 सीटों पर संगठन खड़ा करने का जिम्मा।
- कांग्रेस से आए हेमंत बिस्वा सरमा को पूर्वोत्तर की सात सीटों की कमान सौंपी गई है।
- कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग सीटों पर पैनल तैयार करके देने का जिम्मा सौंपा है।
क्या है शाह का टारगेट?
- अमित शाह का टारगेट कांग्रेस को न सिर्फ लोकसभा, विधानसभाओं से बाहर करना, बल्कि ग्राउंड पर उसका नेटवर्क खत्म करना है। ताकि उन स्थानों पर बीजेपी को लंबे समय के लिए मजबूत किया जा सके।
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