इंडियन आर्मी से निपटने के लिए हमने शॉर्ट रेंज के एटमी हथियार बनाए: PAK PM
Thu, Sep 21, 2017 5:55 PM
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि इंडियन आर्मी के 'कोल्ड स्टार्ट' डॉक्ट्रिन से निपटने के लिए पाकिस्तान ने शॉर्ट रेंज के न्यूक्लियर हथियार बनाए हैं। बाकी देशों की तरह ही हमारे यहां भी न्यूक्लियर प्रोग्राम का कमांड और कंट्रोल सिस्टम सुरक्षित है। अब्बासी यूनाइटेड नेंशन की जनरल असेंबली की मीटिंग में शामिल होने के लिए इस वक्त न्यूयॉर्क में हैं। गुरुवार को वह काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के पैनल डिस्कशन में शामिल हुए। पाक ने कहा- देश के एटामिक हथियार पूरी तरह से सुरक्षित...
- अब्बासी ने आगे कहा, ''जहां तक न्यूक्लियर हथियारों का सवाल है तो हमारे पास कोई भी रीजनल स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर हथियार नहीं है। हमने भारत के कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन से निपटने के लिए शॉर्ट रेंज न्युक्लियर हथियार बनाए हैं। इनकी कमान और कंट्रोल पाकिस्तान की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (NCA) के पास है।''
- यह पूछे जाने पर कि क्या कोई आतंकी संगठन भी इन हथियारों को इस्तेमाल कर सकता है। अब्बासी ने कहा कि इसकी कतई आशंका नहीं है।
क्या है भारत की 'कोल्ड स्टार्ट' डॉक्ट्रिन ?
- इस 'कोल्ड स्टार्ट' पॉलिसी के तहत आर्मी ने 'स्विफ्ट रिएक्शन' (तुरंत जवाबी कार्रवाई) की स्ट्रैटजी बनाई। इसमें कहा गया है कि जंग के हालात में सभी सेनाएं मिलकर बहुत तेजी से हमले को अंजाम दें। पाकिस्तानी इलाकों पर तेजी से कब्जा किया जाए और न्यूक्लियर वेपंस के इस्तेमाल से पहले ही जीत हासिल करने का टारगेट रखा जाए। इसमें पाकिस्तान को चौंकाने पर जोर दिया गया है।
- कहा जाता है कि भारत ने 8 ऐसे इंडिपेंडेंट बैटल ग्रुप रखे हैं जो कि कभी भी रिस्पॉन्स करने की कैपिसिटी रखते हैं। पाकिस्तान के काउन्टर अटैक को रोकने के लिए कुछ घंटे के भीतर ये ग्रुप उसी की जमीन पर कार्रवाई की कैपिसिटी रखते हैं।
-हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कोल्ड स्टार्ट पर अपने रिसर्च पेपर में वॉल्टर सी लैडविंग लिखते हैं- "कोल्ड स्टार्ट का मकसद पाकिस्तानी जवाब को पैरेलाइज करना है। इसका मकसद यह है कि 72 से 96 घंटे के अंदर भारत के इंडिपेंडेंट बैटल ग्रुप पाकिस्तान के इलाकों में घुस जाएं। हर बैटल ग्रुप में 30 से 50 हजार सैनिक रहें। ये आर्मी की बाकी स्ट्राइक कोर के मुकाबले काफी ज्यादा एक्टिव रहें।"
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