भोपाल, गांधी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के शिकार एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र एंटी रैगिंग कमेटी की पूछताछ में भावुक हो उठे। छात्रों ने डरते हुए एक पर्ची में चार सीनियर्स के नाम लिखकर कमेटी के दिए। पीड़ित छात्रों ने बताया कि इन सीनियर्स के चलते रात की नींद भूल गए हैं। रात दो बजे तक सोने नहीं देते। धमकाकर बोलते हैं मेरी नौकरी करो। रात में सिगरेट मंगाते हैं।
एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में शिकायत के बाद कमेटी ने कॉलेज में फर्स्ट ईयर के छात्रों से पूछताछ की। कॉलेज प्रबंधन ने जूनियरों के बताए अनुसार चारों सीनियर्स को नोटिस जारी कर बुधवार 11 बजे तक जवाब देने को कहा है।
जीएमसी के बी ब्लाक हॉस्टल के एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों ने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में मंगलवार को शिकायत की थी। इसके बाद जीएमसी के डीन डॉ. एमसी सोनगरा व एंटी रैगिंग कमेटी के अन्य सदस्य मंगलवार सुबह फर्स्ट ईयर की क्लास में पहुंचे। छात्र डरे हुए थे। डीन ने भरोसा दिलाया कि किसी का नाम उजागर नहीं किया जाएगा। हकीकत में किस तरह से सीनियर परेशान कर रहे हैं बताओ। इसके बाद एक छात्र ने चार सीनियर्स के नाम एक चिट पर लिखकर दिए।
इनमें एमबीबीएस सेकंड ईयर से फाइनल ईयर तक के छात्र थे। इसके पहले भी उनकी कई शिकायतें आ चुकी हैं। छात्रों ने बताया कि सीनियर हॉस्टल से निकलने नहीं देते। वे खाने-पीने के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। लाइब्रेरी भी नहीं जाने देते। मारपीट और गाली-गलौज करते हैं। छात्रों से पूछताछ के बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने बैठक कर मामला पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया है।
बैठक में एसडीएम प्रदीप शर्मा व कोहेफिजा टीआई अनिल वाजपेयी भी मौजूद थे। इसके अलावा कॉलेज प्रबंधन ने भी चारों सीनियर्स को नोटिस जारी किया है। जूनियर्स को शारीरिक और मानसिक तौर प्रताड़ित करने के संबंध में जवाब मांगा है। इन छात्रों को हास्टल से निकालने की कार्रवाई भी हो सकती है।
फर्स्ट ईयर के छात्रों को एक फ्लोर पर शिफ्ट किया
बी ब्लाक हॉस्टल में 150 छात्र क्षमता का है। इसमें एमबीबीएस फर्स्ट ईयर से फाइनल ईयर तक के छात्र रहते हैं। रैगिंग की घटना के बाद कॉलेज प्रबंधन ने फर्स्ट ईयर के सभी 48 छात्रों को ग्राउंड फ्लोर में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही सभी हॉस्टलों में ऐसे छात्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो जीएमसी से पास आउट होने के बाद भी हॉस्टल में रह रहे हैं।
एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में यह की थी शिकायत
छात्रों ने कहा था कि हॉस्टल में सीनियर्स से ऑख नहीं मिला सकते। खाना खाते समय सिर्फ प्लेट की ओर देखना होता है। नए छात्रों को देख सीनियर बोलते हैं, 'फर्स्ट ईयर आ गया है। अब तो अच्छे से टाइम पास हो जाएगा। काफी दिनों से हाथ खुजला रहा था।'
रैगिंग को लेकर पहले भी हो चुका है विवाद
रैगिंग के आरोप में एमबीबीएस व पीजी छात्रों के बीच करीब दो महीने पहले जमकर मारपीट हुई थी। इसमें जूनियर्स ने मिलकर हास्पिटल में घुस एक सीनियर के साथ मारपीट की थी। इसके बाद मारपीट के आरोपी छात्रों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था।
एंटी रैगिंग कमेटी ने पीड़ित छात्रों का पक्ष सुना है। उनके बताए अनुसार चार सीनियर्स को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। पुलिस को भी जांच सौंपी गई है। डॉ. एमसी सोनगरा, डीन, जीएमसी
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