Thursday, 22nd May 2025

NKorea से खतरे के चलते ट्रम्प ने डिफेंस बजट 5 लाख Cr बढ़ाने का प्रपोजल रखा

Tue, Sep 19, 2017 5:21 PM

भारत का जितना रक्षा बजट है उससे ज्यादा की यह बढ़ाेत्तरी है। 2003 के बाद यह सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है।

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डिफेंस बजट 700 बिलियन डॉलर (45 लाख करोड़) करने का प्रपोजल रखा है। यह पिछले बजट से 81 बिलियन डॉलर ज्यादा है। यानी ट्रम्प 14% रक्षा बजट बढ़ाना चाहते हैं। अगर सीनेट इसे मंजूरी देती है तो यह 2003 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी। 2001 में हुए 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने रक्षा बजट में 26% की बढ़ोतरी की थी। खास बात यह है कि फरवरी में ट्रम्प ने रक्षा बजट में 54 अरब डॉलर बढ़ाने का प्रपोजल रखा था, लेकिन नॉर्थ कोरिया के हाइड्रोजन बम और बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्ट के बाद और ज्यादा बढ़ोत्तरी के संकेत दिए हैं। पाकिस्तान की हैसियत कम होगी, आर्थिक मदद में कटौती भी​...

 

 

- ट्रम्प सरकार ने बजट का जो प्लान तैयार की है, उसके तहत विदेशी देशों को जाने वाली मदद और घरेलू प्रोग्रामों में कटौती कर यह रकम जुटाई जाएगी।
- पाकिस्तान को नॉन-नाटो ग्रुप के तहत मिल रही हैसियत को कम कर दिया जाएगा।
- बजट प्रपोजल से जुड़े मामलों की जानकारी रखने वाले अफसरों का कहना है कि जिन डिपार्टमेंट में कटौती हो सकती है, उनमें एनवॉयर्नमेंट, फॉरेन मिनिस्ट्री और विदेशी मदद होगी।
- बजट बढ़ाने पर तर्क दिया गया है कि इससे देश की मिलिट्री की ताकत में इजाफा होगा।
 
ऐसे खर्च होगा बजट
- 4 लाख करोड़ विदेशी मिलिट्री मिशंस पर।
- 41 लाख करोड़ पेंटागन के लिए, जो जवानों के लिए हथियार खरीदी और सैनिकों की सैलरी पर खर्च होंगे।
- 60 अरब डॉलर यानी करीब 3.9 लाख करोड़ रुपए अफगानिस्तान, इराक, सीरिया जैसे जंग की मार झेल रहे अन्य देशों में मिशन पर।
- रडार से बच निकलने वाले एफ-22 राप्टर जैसी वेपन सिस्टम्स पर खर्च किए जाने वाले बजट में कटौती होगी। टोही और दूसरी तकनीकी वाले हथियारों पर बजट बढ़ाया जाएगा।
- प्रपोजल के तहत पाकिस्तान की नॉन नाटो मेंबर कंट्रीज के तौर पर मिलने वाली हैसियत कम की जाएगी। आर्थिक मदद में कटौती भी की जाएगी।
 
मायने: बड़े बजट से ट्रम्प की नॉर्थ कोरिया को मैसेज देने की कोशिश
- नॉर्थ कोरिया ने बैन के बावजूद हाइड्रोजन बम, बैलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट किया है।
- नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन लगातार अमेरिका को मिटाने की धमकी भी दे रहा है। इससे साउथ कोरिया, जापान समेत अमेरिका में तनाव है।
- आईएस के बेस कैंप और सीरिया में तेज होंगे अमेरिकी हमले डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनावों में आतंकी संगठन आईएसआईएस के खात्मे का वादा किया था। यही वजह है कि दूसरे देशों में मिलिट्री मिशन के बजट में बढ़ोतरी की गई है। साथ ही साउथ चायना सी में चीन को रोकना भी बड़ी वजह है।
 
जितना भारत का रक्षा बजट, उससे ज्यादा की बढ़ोत्तरी
 
देश रक्षा बजट
 
अमेरिका: 25 लाख करोड़
चीन: 15 लाख करोड़
रूस: 4.4 लाख करोड़
भारत: 3.5 लाख करोड़
ब्रिटेन: 3 लाख करोड़
जापान: 2.6 लाख करोड़
 
US ने NKorea के ऊपर उड़ाए बॉम्बर्स
- अमेरिका ने कोरियाई पेनिनसुला पर चार स्टील्थ फाइटर जेट्स और 2 बॉम्बर्स उड़ाए। साउथ कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप ने ये जानकारी दी है।
- अमेरिका की तरफ से इस बात को कन्फर्म नहीं किया गया है। 15 सितंबर को नॉर्थ कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का टेस्ट किया था।
- ये मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी थी। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है। 3 सितंबर को नॉर्थ कोरिया ने 6th न्यूक्लियर टेस्ट भी किया था।
 
3700 किमी दूर गई थी मिसाइल
- साउथ कोरिया की डिफेंस मिनिस्ट्री ने बताया था कि नॉर्थ की मिसाइल ने 3700 किमी की दूरी तय की और वह 770 किमी की ऊंचाई तक गई। नॉर्थ कोरिया ने कन्फर्म किया था कि जापान पर दागी गई मिसाइल ह्वासोंग-12 थी। इसी मिसाइल को उसने 29 अगस्त को भी दागा था। 
- नॉर्थ कोरियाई न्यूज एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, "दुनिया देख ले कि सालों के तमाम बैन के बावजूद हम अपना मकसद पूरा करेंगे। हमारा अंतिम मकसद अमेरिकी फोर्स जितनी ताकत हासिल करना है ताकि वह हम पर सैन्य हमले की जुर्रत न कर सके।"
- इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज के जोसेफ डेंप्सी ने कहा कि नॉर्थ की इस मिसाइल ने अब तक की सबसे ज्यादा दूरी तय की।
 
नॉर्थ कोरिया के 6 न्यूक्लियर टेस्ट
- नॉर्थ कोरिया 2006, 2009, 2013 और 2016 में न्यूक्लियर बम की टेस्टिंग कर चुका है।
- 9 अक्टूबर, 2006: पहली बार जमीन के अंदर किया न्यूक्लियर टेस्ट। यूएस से एटमी वॉर का बताया था खतरा।
- 25 मई, 2009: दूसरी बार किया एटमी टेस्ट।
- 13 जून, 2009: नॉर्थ कोरिया ने कहा कि वो यूरेनियम एनरिचमेंट करेगा। इसे न्यूक्लियर वेपन्स और प्लूटोनियम बेस्ड रिएक्टर बनाने की संभावना माना गया।
- 11 मई, 2010: न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बनाने का दावा किया। आशंका जताई गई कि नॉर्थ ज्यादा पावरफुल बम बनाएगा।
- 13 फरवरी, 2013: तीसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट किया।
- 10 दिसंबर, 2015: तानाशाह उन का दावा- हासिल की हाइड्रोजन बम टेस्ट की कैपिबिलिटी।
- 6 जनवरी, 2016:हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया।
- सितंबर, 2016: पांचवां एटमी टेस्ट किया।
- 3 सितंबर, 2017: छठा एटमी टेस्ट किया। ये हाइड्रोजन बम था।

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