Thursday, 22nd May 2025

धोनी मास्टरक्लास: पारी को संवारना कोई इस बल्लेबाज से सीखे

Mon, Sep 18, 2017 11:53 PM

मल्टीमीडिया डेस्क। महेंद्रसिंह धोनी पर बढ़ती उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, बल्कि उम्र के साथ-साथ क्रिकेट के हर क्षेत्र में इस खिलाड़ी की परिपक्वता भी बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ समय से धोनी मध्यक्रम और निचले मध्यक्रम के बल्लेबाजों को साथ लेकर भारतीय पारी को जिस तरह संभाल रहे हैं, वह देखते ही बनता है।

चेन्नई में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में हार्दिक पांड्‍या भले ही मैन ऑफ द मैच बने, लेकिन माही के मार्गदर्शन में ही पांड्‍या की पारी निखरी। धोनी ने इस मैच के दौरान जिस तरह बल्लेबाजी की, उसे देखकर यह सीखा जा सकता है कि विषम परिस्थितियों में किस तरह पारी को संवारा जाता है।

धोनी ने हार्दिक पांड्‍या के साथ साझेदारी में एक छोर संभाले रखा था और सिर्फ स्ट्राइक रोटेट कर रहे थे। चूंकि उस समय टीम दबाव में थी, इसलिए शुरू में इन दोनों बल्लेबाजों ने बहुत ज्यादा डॉट बॉल भी खेली थी।

इन दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 118 रनों की साझेदारी हुई जिसमें पांड्‍या ने 66 गेंदों में 83 रनों की धमाकेदार पारी खेली। इस दौरान धोनी आराम से खेल रहे थे और उन्होंने 50 गेंदों में 29 रन बनाए। लेकिन जैसे ही पांड्‍या आउट हुए, धोनी ने अपनी बल्लेबाजी का गियर बदला और तूफानी शॉट लगाना शुरू किए। उन्होंने इसके बाद अगली 26 गेंदों में 161.5 की स्ट्राइक रेट से 42 रन बनाए। ऐसा करते हुए धोनी ने पुछल्ले बल्लेबाज भुवनेश्वर कुमार पर दबाव नहीं आने दिया। धोनी ने संयमपूर्वक खेलते हुए 75 गेंदों में फिफ्टी पूरी की थी, लेकिन बाद में तेज बल्लेबाजी कर वे 88 गेंदों में 79 रन बनाकर आउट हुए। धोनी ने कुछ समय पहले श्रीलंका में विषम परिस्थितियों में भुवनेश्वर के साथ इसी तरह साझेदारी कर भारत को महत्वपूर्ण जीत दिलाई थी।

36 वर्षीय धोनी के लिए चेन्नई वनडे इसलिए यादगार बन गया क्योंकि उन्होंने 79 रनों की पारी के दौरान फिफ्टी पूरी की। उन्होंने इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिफ्‍टी बनाने का शतक पूरा किया। धोनी टेस्ट में 33, वनडे में 66 और टी20 क्रिकेट में 1 फिफ्टी लगा चुके हैं।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery