नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी विमानन कंपनी एयर एंंडिया के विनिवेश प्रक्रिया को तेज कर दिया है। हिस्सेदारी कैसे बेची जाए, इसे आगे बढ़ाते हुए सरकार ने गुरुवार को कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की हैं। ये निविदाएं इसलिए मंगाई गई हैं, ताकि इसकी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जा सके।
प्रस्ताव के मुताबिक सलाहकारों की नियुक्ति इसलिए की जा रही है, ताकि वह रणनीतिक विनिवेश के साथ जुड़े वित्तीय और कानूनी मुद्दों पर सरकार को उचित सलाह दे सके।
एक नोटिस में कहा गया, “सलाहकार को रणनीतिक विनिवेश के सभी पहलुओं से संबंधित कार्यों को पूरा करने की आवश्यकता होगी जो कि लेनदेन को सफल बनाने से जुड़े होंगे। वह विनिवेश की रुपरेखा और समय के संदर्भ में भारत सरकार को उचित सलाह और उसकी सहायता करेगा। साथ ही वह रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया के लिए आवश्यक मध्यस्थों की आवश्यकता की अनुशंसा भी करेगा।”
यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब एयर इंडिया के विनिवेश से जुड़ी रुपरेखा की जांच के लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया गया है। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे। ये विनिवेश की प्रक्रिया में सरकार को सलाह देगा और साथ ही वह एयर एंडिया के कर्ज को खत्म करने के उपाय भी सुझाएगा।गौरतलब है कि एयरलाइन पर फिलहाल 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2015-16 में 105 करोड़ का ऑपरेटिंग प्रॉफिट दर्ज किया था।
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