धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल।मध्यप्रदेश में आईएएस रहीं सिर्फ टीनू जोशी या शशि कर्णावत ही भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं। रिश्वत लेकर गोलमाल करने में पटवारी, बाबू, पुलिस एसआई से लेकर महिला जनप्रतिनिधि भी माहिर हैं।
महिला आईएएस सहित कई कर्मचारियों को भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सजा भी हो चुकी है। हाल ही में टीएंडसीपी देवास की अफसर अनीता करूठे के यहां लोकायुक्त के छापे में मिली करोड़ों की सम्पत्ति के बाद भ्रष्टाचार का मामला एक बार फिर चर्चा में आया है।
टीनू जोशी : भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1979 की बैच की अफसर जोशी के घर पर 4 फरवरी 2010 को आयकर विभाग ने छापा मारा था ।तब उनके घर से 3 करोड़ 4 लाख रुपए नगद मिले थे और 3 सौ करोड़ रुपए की सम्पति का अनुमान था । उन्हें 2014 में बर्खास्त कर दिया गया था ।
शशि कर्णावत : मप्र कैडर की ही 1999 बैच की आईएएस शाशि कर्णावत को भी मंडला जिले में 33 लाख के एक प्रिंटिंग घोटाले में दोषी पाया गया था ।विशेष अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा और 50 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी । इसी साल 11 सितंबर को सरकार ने उन्हें बर्ख्ाास्त कर दिया ।
रंजना चौधरी पर भी आरोपों के छींटे
1974 बैच की मप्र कैडर की आईएएस (सेवानिवृत्त) रंजना चौधरी के खिलाफ भी व्यापमं की चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप है। इस बारे में पूर्व जांच एजंेसी एसटीएफ ने हाईकोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी। व्यापमं के नियंत्रक रहे घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज त्रिवेदी ने अपने बयान में चौधरी को 70 लाख रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया था ।
एक नहीं दो बार रिश्वत लेते पकड़ाई
मंशा गायकवाड़ : पटवारी के पद पर माचल (देपालपुर) में तैनात मंशा गायकवाड़ को सीमांकन के नाम पर गिरधारी लाल चौहान से 7000 रुपए रिश्वत लेते हुए जून 2016 में रंगे हाथों पकड़ा गया। इससे पहले उज्जैन में तैनाती के दौरान 2013 में भी मंशा रिश्वत लेते पकड़ाई थी, तब वह बरी हो गई थी ।
सीमा कटारे : जबलपुर के पनागर में पदस्थ पटवारी सीमा कटारे को आकाश साहू से दो महीने पहले रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा।
अनुसुईया जैन : पुलिस उपनिरीक्षक रही अनुसुईया जैन को रिश्वत लेने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
पुष्पा ठाकुर : जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इंदौर में पदस्थ क्लर्क पुष्पा ठाकुर दृष्टि बाधित शिक्षक से 2012 में जीपीएफ की राशि निकालने के लिए रिश्वत की मांग की थी। 2014 में कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई ।
कीनल त्रिपाठी : एमडीएम (मिड-डे मील) की मैनेजर को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते 2016 में लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा। बाद में बर्खास्त कर दी गई।
वनिता रामटेक्कर : नगर पंचायत लांजी की अध्यक्ष रहते हुए बाजार नीलामी का करार 100 रुपए के स्टांप पर करने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई और जेल की हवा खानी पड़ी ।
ये भी पीछे नहीं
89 पुलिसकर्मियों खिलाफ आरोप : शिवपुरी जिले की पिछोर थाना प्रभारी संगीता मिंज का हाल ही में एक आडियो वायरल हुआ, जिसमें वह शराब ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रही थी। ऐसी विभिन्न् तरह की 89 शिकायतें पुलिस मुख्यालय,ईओडब्ल्यू सहित सीएम हेल्पलाइन में दर्ज हैं।
118 महिला सरपंच कठघरे में : प्रदेश में 118 से ज्यादा महिला सरपंचों के खिलाफ अब तक भ्रष्टाचार के मामले अदालत में विचाराधीन हैं। इनमें एडवांस रकम निकालने, निर्माण कार्यों में गड़बड़ी जैसे मामले हैं।
पांच हजार से ज्यादा लंबित : लोकायुक्त संगठन में 3367 राजपत्रित और 3587 से ज्यादा गैरराजपत्रित कर्मचारियों के मामले विभिन्न् स्तर पर लंबित हैं। इनमें से सैकड़ों महिलाएं हैं।
जेंडर से फर्क नहीं पड़ता
भ्रष्टाचार के मामलों में जेंडर से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो महिलाएं नौकरी कर रही हैं वे सभी पढ़ी- लिखी हैं। उनको मालूम है कि वे क्या कर रही हैं। कई बार ऐसे मामलों में पर्दे के पीछे पुरुष होते हैं लेकिन महिलाओं को समझदारी से काम करना चाहिए।
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