जबलपुर। नोटबंदी के दौरान होमगार्ड सैनिकों के सैलरी खातों से करोड़ों का कालाधान सफेद किया गया। जबलपुर होमगार्ड के कई अफसरों पर कालाधन सफेद करने का आरोप है। डीजी होमगार्ड वीके सिंह ने शिकायत मिलने पर डिविजनल कमांडेंट रोहितास पाठक को विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में पीड़ितों ने लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी इसकी शिकायत की है, जिसको लेकर नोटबंदी की सीमा के दौरान होमगार्ड सैनिकों के बैंक खातों का ट्रांजेक्शन भी चेक किया जा रहा है।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
होमगार्ड सैनिक काम तो यूनीफार्म कैडर के लोगों की तरह करते हैं लेकिन इन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं होता। सभी को रोस्टर के हिसाब से यानि जितने दिन काम, उतना वेतन मिलता है। शासन के आदेश पर सभी सैनिकों के सैलरी अकाउंट खुलवाए गए थे, जिसमें विभाग द्वारा जारी होने वाला वेतन ट्रेजरी के जरिए जमा होता है। लेकिन नोटबंदी के दौरान 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच विभाग के अफसरों ने नियम और अनुशासन का हवाला देकर 100 से ज्यादा सैनिकों की पासबुक अपने कब्जे में कर ली।
इन खातों में अलग-अलग समय पर 30 से 50 हजार की रकम जमा कराई गई, जिसे सैनिक से वापस निकलवा कर रख लिया जाता था। सूत्रों के अनुसार नोटबंदी में एक माह की अवधि में निजी लोगों का करोड़ों का कालाधान अफसरों ने सैनिकों के खाते में जमा कराकर लंबा कमीशन कमाया।
खातों की जानकारी भेजी गई
सूत्रों के अनुसार जबलपुर होमगार्ड वीके सिंह तक पहुंची शिकायत करने वालों ने कुछ कर्मचारियों की बैंक पासबुक और खातों के ट्रांजिक्शन की कॉपी भी भेजी है। शिकायत में जबलपुर के अलावा प्रदेश के लगभग सभी बड़े जिलों में इस तरह के घोटाला होने की आशंका जताई है। जिस पर जांच की जा रही है। वर्शन
मिली है शिकायत
डीजी कार्यालय भोपाल से इस संबंध में एक शिकायत मिली है, जिसकी जांच चल रही है।
-रोहितास पाठक डिवीजनल कमांडेंट होमगार्ड जबलपुर
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