रोक के बावजूद राहुल UP के सहारनपुर रवाना, 20 दिन से नहीं थमी हिंसा
Sat, May 27, 2017 6:14 PM
सहारनपुर.राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शब्बीरपुर गांव के लिए रवाना हो गए हैं। सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि बीते 20 दिनों से यहां जारी हिंसा को देखते हुए एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें दौरे की इजाजत नहीं दी है। 5 मई को शब्बीरपुर गांव में दलितों और ठाकुरों के बीच झगड़ा हो गया था। इसमें एक ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद जारी हिंसा में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है। सहारनपुर में क्या हुआ, Q&A में समझें...
Q. कैसे शुरू हुआ विवाद?
A.सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान डीजे बजाने को लेकर ठाकुरों और दलितों के बीच झगड़ा हो गया था। इसमें ठाकुर पक्ष के एक शख्स की मौत हो गई थी।
Q. कैसे भड़की हिंसा?
A. इस घटना के बाद दलितों के 60 से ज्यादा मकान जला दिए गए थे और कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। इस घटना का दलितों की भीम आर्मी ने विरोध किया।
- 9 मई को सहारनपुर में दलित इकट्ठा हुए। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो वो भड़क गए। जिले में 9 जगह हिंसा हुई। दुकानों और गाड़ियों में आग लगा दी गई। 21 मई को दलितों ने बड़ी तादाद में दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया।
Q. मायावती का क्या रोल?
A. 23 मई को मायावती 5 मई को हुई हिंसा के विक्टिम्स के परिवार वालों से मिलने शब्बीरपुर गांव पहुंचीं। उन्होंने दलित विक्टिम्स को पार्टी फंड से 25 से 50 हजार रुपए तक की मदद देने का एलान किया। वहां एक सभा भी की।
- यहां से घर लौट रहे दलितों पर रास्ते में हमला कर दिया गया। इसमें एक शख्स की मौत हो गई, कई लोग घायल हो गए। इसके बाद दलितों ने अपर कास्ट के लोगों के 2 घरों में आग लगा दी।
Q. सीएम योगी ने क्या किया?
A. हालात काबू करने के लिए सीएम योगी ने 23 मई की रात ही स्टेट प्लेन से 4 अफसरों की एक टीम लखनऊ से सहारनपुर भेजी। गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़ और आगरा से 5 PAC के कमाडेंट भी भेजे गए।
- बुधवार देर शाम सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। डिविजनल कमिश्नर एमपी अग्रवाल और डीआईजी जेके शाही का भी ट्रांसफर कर दिया गया। प्रमोद कुमार पांडेय को नया डीएम बनाया गया है। बबलू कुमार सहारनपुर के नए एसएसपी बनाए गए हैं।
Q. पुलिस ने क्या किया?
A.इस मामले में अब तक 25 लोगों को अरेस्ट किया गया है। भीम आर्मी फाउंडर चंद्रशेखर को नामजद किया गया है।
गांव में ऐसा माहौल कभी नहीं देखा: बुजुर्ग
- दलित बिरादरी के शौराज और 102 साल की सुंदर देवी का कहना है कि गांव में ऐसा माहौल कभी नहीं देखा। सब मिल-जुलकर रहते थे। नफरत फैलाने वाले को सजा मिलनी चाहिए। दोनों ही पक्षों का कहना है कि इस हिंसा में शामिल लोग दूसरे गांवों से आए थे। दलित बिरादरी के लोगों ने यह भी कहा कि जबसे बीजेपी की योगी सरकार आई है, तब से दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।
- जबकि ठाकुर बिरादरी के ब्रहमसिंह कहते हैं कि प्रदेश सरकार दलितों का पक्ष ले रही है। दलित बिरादरी की महिला ओमवती और नीता ने कहा कि उपद्रवियों ने उनके जेवर तक लूट लिए। वैसे तो गांव में 24 घंटे पुलिस के जवान तैनात हैं। पर लोग सहमे हुए हैं। रात में सो भी नहीं पा रहे हैं।
भीम आर्मी के नक्सलियों से जुड़े होने का शक: पुलिस अफसर
- सहारनपुर में हिंसा के बाद सस्पेंड किए गए एसएसपी सुभाष चंद दुबे ने कहा, ''भीम आर्मी गैरकानूनी संगठन है। इसके मेंबर पर्सनल बैंक खातों में चंदा जमा करते हैं। इसके तीन पर्सनल बैंक खाते मिले हैं। संगठन से जुड़े लोग अराजकता फैला रहे हैं। संगठन की एक्टिविटीज को देखते हुए इनके नक्सलवाद से भी जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं। जांच चल रही है।''
क्या है भीम आर्मी?
- यह संगठन सहारनपुर के 700 गांवों में एक्टिव है। 2013 में बनी भीम आर्मी दलितों को लीड करती है। इसका चीफ एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद है। फिलहाल फरार है। दावा है कि हर गांव में भीम आर्मी के 8 से 10 युवा मेंबर हैं। ये सभी अपने सिर पर नीला कपड़ा बांधते हैं। इस बीच, मायावती ने आरोप लगाया है कि भीम आर्मी बीजेपी की टीम है।
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