ग्वालियर,
मुरार जिला अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को इन दिनों खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न तो समय पर जांचें हो रही हैं और न ही सभी दवाएं मिल रही हैं। अल्ट्रासाउण्ड के लिए एक-एक महीने की वेटिंग मिल रही है। जिसके चलते मरीज बाजार में पैसा खर्च करके अल्ट्रासाउण्ड करवाने को मजबूर हैं।
गुरुवार को नईदुनिया ने मुरार जिला अस्पताल में हालातों की पड़ताल की। इसमें हर जगह खामियां सामने आईं।
अल्ट्रासाउण्ड के लिए लगाने पड़ रहे चक्करः
सबसे पहले जिला अस्पताल में होने वाली जांचों का जायजा लेने पहुंचे तो यहां अल्ट्रासाउण्ड के लिए मरीजों को एक-एक महीने बाद की तारीख दी जा रही थी। पेट में दर्द का चेकअप कराने पहुंची मोहनपुर की रहने वाली विमलादेवी ने बताया कि वह दो दिन से आ रही है। गुरुवार को उसे 20 दिन बाद की तारीख दी गई। उसने कहा कि 20 दिन बाद जांच अल्ट्रासाउण्ड कराएंगे तब वह मिलेगा और डॉक्टर को दिखाएंगे। तब तक बीमारी और बढ़ जाएगी।
इसी तरह जब एक्सरे का जायजा लिया तो यहां डिजीटल एक्सरे नहीं हो रहे थे। सामान्य एक्सरे भी तीन-चार बार बंद हुए। डिजीटल एक्सरे न होने का कारण यूपीएस का न होना बताया जा रहा है।
नहीं बैठे हड्डी रोग विशेषज्ञः
ओपीडी में गुरुवार को भी हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ नहीं बैठे। जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सिविल सर्जन ने रोस्टर भी बना दिया है। दोनों डॉक्टर सप्ताह में तीन-तीन दिन बैठेंगे लेकिन गुरुवार को एक भी डॉक्टर नहीं बैठा।
बीपी की दवा और रेबीज खत्मः
बीपी की दवा मेटफोरविन पिछले एक सप्ताह से नहीं है। डॉक्टर दवा लिख रहे हैं लेकिन दवा अस्पताल में नहीं मिल रही। जिसके चलते मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है। उधर एंटी रेबीज वैक्सीन भी पिछले एक सप्ताह से खत्म हो गई है। प्रतिदिन 4-5 मामले कुत्ते के काटने के आ रहे हैं लेकिन रेबीज वैक्सीन ही अस्पताल में नहीं है।
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