भोपाल । आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात हो या नक्सलवादियों से लोहा लेते समय वीरगति को प्राप्त होने वाले प्रदेश के जांबाज वीरों के परिजनों को अब सीधे आर्थिक मदद की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए भारत के वीर नाम से वेबसाइट www.bharatkeveer.gov.in शुरू की है। इसके जरिए शहीदों के परिजनों को न्यूनतम 10 रुपए तक की भी मदद की जा सकती है।
पैसा जमा करने के बाद भारत सरकार की ओर से सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा, जिसे ऑनलाइन ही डाउनलोड किया जा सकता है। हालांकि इस वेबसाइट के जरिए शहीद को अधिकतम 15 लाख रुपए तक की राशि देने की ही लिमिट तय की गई है। इसके बाद कोई राशि जमा नहीं कर पाएगा। हाल ही में शुरू हुई वेबसाइट में मप्र के उन तीन जवानों की जानकारी दी गई है जो 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए हैं।
जिन्हें अब तक 13 लाख रुपए की मदद की जा चुकी है। लंबे समय से यह बात होती रही है कि कई लोग सेना के उन जवानों के परिवार के लिए आर्थिक मदद करना चाहते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। हाल ही में पुलिस के एक कार्यक्रम में अभिनेता अक्षय कुमार ने भी इसके लिए एक एप जल्द ही लाने की बात भी कही थी पर अब सरकार ने खुद ही यह व्यवस्था कर दी है।
ऐसे करें आवेदन
वेबसाइट पर जाते ही ब्रेवहार्टस का विकल्प नजर आएगा। इसे क्लिक करने पर सारे शहीदों की जानकारी सामने आएगी। आप जिस भी प्रदेश के शहीदों के परिजनों के लिए पैसा देना चाहते हैं, उसके लिए आपको राज्य का चयन करना पड़ेगा। इसके बाद शहीदों के फोटो समेत नाम सामने आएंगे। शहीद की फोटो पर क्लिक करते ही उसकी पूरी जानकारी सामने होगी। साथ में यह विकल्प भी होगा कि मैं हिस्सेदारी करना चाहता हूं।
इस पर जाते ही एक विंडो ओपन होगी, जहां आपको अपना नाम, इमेल एड्रेस, फोन नंबर सहित कितनी राशि आप देना चाहते हैं, को भरना होगा। इसके बाद ऑनलाइन प्रोसेस के तहत आपके खाते से पैसा उनके खाते में चला जाएगा। दूसरा ऑप्शन इसमें यह भी दिया है कि आप सीधे गृह मंत्रालय को भी पैसा दे सकते हैं, जहां से राशि चयनित शहीद के परिजन को पहुंच जाएगा।
शहीद के बारे में पूरा विवरण
वेबसाइट में शहीद के बारे में सारी जानकारी दी गई है, मसलन वह किस घटना में शहीद हुए, शहीद की उम्र, उनकी क्या भूमिका थी, उनके बाद परिवार में कौन-कौन सदस्य बचा है जो उस पर आश्रित थे आदि।
नाम - कॉन्सटेबल नारायण प्रसाद सोनकर
शहीद हुए: 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में सुकमा हमले में
लोगों ने किए खाते में जमा: 9 लाख 21 हजार 865
आश्रित: पत्नी और दो बच्चे
नाम - सिपाही (जीडी) फते सिंह कुडूपा
शहीद हुए: 3 मार्च 2016 को सुकमा (छत्तीसगढ़) में माओवादियों के विरुद्ध विशेष ऑपरेशन में
लोगों ने जमा किए खाते में: 3 लाख 13 हजार 165
आश्रित: मां
नाम- कॉन्स्टेबल नीतिन कुमार
शहीद हुए: 18 जुलाई 2016 को बिहार औरंगाबाद में माओवादी के हमले में जवाबी कार्रवाई के दौरान
लोगों ने जमा किए खाते में: 1 लाख 51 हजार 046
आश्रित: पत्नी और दो बहनें
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