भोपाल । राजगढ़ के एक किसान ने बीमारी से तंग आकर गुरुवार दोपहर मोतिया तालाब में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के दौरान किसान की पत्नी कार में बैठी रही और उसे भनक तक नहीं लगी। काफी देर तक पति के नहीं मिलने पर उसने शाहजहांनाबाद पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने करीब 10 मिनट में ही शव बरामद कर लिया।
शाहजहांनाबाद पुलिस के अनुसार ग्राम बाउली तहसील सारनपुर जिला राजगढ़ निवासी गोपाल यादव (35) पिता दौलत यादव किसान था। वह गुरुवार को पत्नी कृष्णा और परिजनों के साथर कार से भोपाल एलबीएस अस्पताल इलाज के लिए अया था। किडनी खराब होने के कारण उसका डायलीसिस चल रहा था। उसका नंबर 12 बजे का था। इस कारण वह दोपहर करीब 11 बजे परिजनों के साथ अस्पताल के सामने कार में आकर बैठ गया। इसके बाद वह गायब हो गया।
काफी देर तक गोपाल के नहीं लौटने पर कृष्णा और परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। अस्पताल और यहां वहां देखने के बाद भी जब उसका कुछ पता नहीं चला तो परिजन शाहजहांनाबाद पुलिस थाने पहुंचे। महिला की शिकायत पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से करीब 10 मिनट बाद शव बरामद कर लिया। कृष्णा ने शव की शिनाख्त की। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आंख बचाकर कूद गया तालाब में
नंबर लगाने के बाद गोपाल परिजनों के साथ कार में बैठ गया। थोड़ी देर बाद वह कार से बाहर आ गया। कुछ देर तक कृष्णा ने उसे यहां-वहां घूमते देखा, लेकिन उसके बाद वह नहीं दिखा। यहां 12 बजने के कारण परिजनों ने जब गोपाल को कार से उतरकर देखा तो वह कहीं नजर नहीं आया। काफी देर तलाश करने के बाद भी कुछ पता नहीं चला। इस दौरान किसी ने उन्हें बताया कि एक युवक को तालाब में उतरते देखा था। इसके बाद परिजन पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे।
10 साल से चल रहा था इलाज
पुलिस के अनुसार गोपाल की एक किडनी फेल हो चुकी थी। उसका वर्ष 2008 से एलबीएस अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार को उसे डायलीसिस के लिए बुलाया गया था। परिजनों ने पुलिस को बताया कि गोपाल बीमारी को लेकर काफी मानसिक तनाव में था। वह इसको लेकर हमेशा दुखी रहता था। वह अक्सर कहता था कि वह बीमारी के कारण काफी कमजोर हो गया है और एक दिन मर जाएगा, लेकिन परिजनों को कभी यह नहीं लगा कि वह आत्महत्या कर सकता है। परिजन उसका हौंसला बढ़ाते रहते थे, लेकिन वह इलाज से परेशान हो चुका था।
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