मोदी सरकार के 3 साल पर 3 प्वाइंट एनालिसिस: 6 मुद्दों पर कैसी रही परफॉर्मेंस
Thu, May 25, 2017 4:49 PM
नई दिल्ली.मोदी सरकार के तीन साल 26 मई को पूरे हो रहे हैं। बीते 36 महीने में सरकार ने कई बड़े कदम उठाए। कुछ मोर्चों पर उसे उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले। नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठे, लेकिन इसके बावजूद हाल में हुए चुनावों में 5 राज्यों में से 4 में बीजेपी ने सरकार बनाई। ऐसे ही 6 बड़े मुद्दों को प्वाइंट्स में समझिए और जानिए इन पर एक्सपर्ट्स की राय...
DB EXPERT पैनल
- रहीस सिंह, विदेश मामलों के एक्सपर्ट
- सोमपाल शास्त्री, पूर्व मेंबर, प्लानिंग कमीशन
- वेद प्रताप वैदिक, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
- जितेंद्र सोलंकी, सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर
- लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड सैयद अता हसनैन, डिफेंस एक्सपर्ट
#मजबूत इरादे वाले 3 बड़े कदम
1. सर्जिकल स्ट्राइक
कब हुई: 28 सितंबर 2016 को आर्मी ने LoC क्रॉस करके आतंकियों के सात कैम्प तबाह कर दिए। ऑपरेशन चार घंटे चला।
क्यों हुई:18 सितंबर 2016 को 4 आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में इंडियन आर्मी के लोकल हेडक्वॉर्टर पर हमला किया था। इसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। चारों आतंकी भी मारे गए थे। इसी के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक हुई।
EXPERT VIEW
आर्मी की नई स्ट्रैटजी
- लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड सैयद अता हसनैन बताते हैं कि आर्मी ने अपनी स्ट्रैटजी बदली है। नौशेरा में पाक चौकियों को उड़ाने का वीडियो पब्लिक करने का फैसला पाक के इनकार को जवाब देने के लिए जरूरी था। वह सर्जिकल स्ट्राइक से इनकार करता रहा और आगे भी यही करेगा। इससे लोगों को ये समझाना आसान होगा कि LoC संभालना मुश्किल काम है। हमारी स्ट्रैटजी साफ है कि हमारा जवाब कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं आएगा। पर जब भी जरूरत पड़ेगी सेना हमला करती रहेगी।
ऑपरेशन सही था, असर उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा
- विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह बताते हैं- ऐसे ऑपरेशन का मकसद आतंकवाद का बेस खत्म करना होता है। ऐसा लगातार होता तो असर ज्यादा नजर आता, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए। इससे पाक फिर सिर उठाने लगा। असर उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। जनता ने मोदी सरकार की हिम्मत को सराहा, लेकिन सीमा पर टकराव बढ़ गया। एक मई को एलओसी पर दो भारतीय जवानों के सिर काट लिए गए। इसके बाद भारत ने पाक की कुछ चौकियों को तबाह कर दिया।
2. नोटबंदी
कब हुई: 8 नवंबर 2016 रात 12 बजे से 15 लाख करोड़ के 500-1000 के नोट (देश की 87% करंसी) चलन से बाहर हो गए।
क्यों हुई: कालाधन और नकली करंसी खत्म करने के लिए। इससे पहले 1978 में 10 हजार का नोट बंद किया गया था। नोटबंदी के वक्त फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने बताया था कि पांच साल में देश में 500 के नोटों की तादाद में 76% और 1000 के नोट में 109% का इजाफा हो गया था।
EXPERT VIEW: मकसद पूरा नहीं हो पाया
- सेबी के इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी बताते हैं- नोटबंदी का मकसद पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया। रियल एस्टेट और टेररिज्म फंडिंग में कुछ हद तक लगाम लगी है। सरकार का अनुमान था कि ब्लैकमनी और नकली करंसी के रूप में जमा पैसा बैंकों में वापस नहीं आएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।
3. VIP कल्चर खत्म किया
कब हुआ: 19 अप्रैल 2016 को मोदी कैबिनेट ने यह फैसला किया। 1 मई से देशभर में मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों पर लाल-नीली-पीली बत्ती लगाने पर रोक लगा दी गई।
क्यों हुआ:वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए ऐसा किया गया। अफसर और मंत्री इसे स्टेटस सिंबल मानते थे। इस पर मोदी ने कहा था- ऐसे प्रतीक नए भारत की भावना से कटे हुए हैं। हर भारतीय स्पेशल है। हर भारतीय वीआईपी है। 28 साल पुराने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 में बदलाव किया जाएगा। बदलाव के लिए अभी नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
EXPERT VIEW : बत्ती का रोब नहीं दिखा पाएंगे नेता
नेशनल प्लानिंग कमीशन के पूर्व मेंबर सोमपाल शास्त्री कहते हैं- ये फैसला अच्छा है। लीडर और ब्यूरोक्रेट्स से जनता को सेवा की उम्मीद रहती है। अगर वो बत्ती का रोब दिखाएं तो यह ठीक नहीं है। अब इसमें सुधार होगा।
आगे की स्लाइड में पढ़ें :
- मोदी सरकार को कामयाबी दिलाने वाले तीन राजनीतिक घटनाक्रम
- तीन साल की तीन बड़ी कॉन्ट्रोवर्सीज
- तीन कदम जो गवर्नेंस के लिहाज से देश और सरकार को आगे ले जाएंगे
- तीन चैलेंज जिनका अगले दो साल में इस सरकार को सामना करना होगा
- तीन चूक जो बीते 36 महीने में सरकार की तरफ से हुई
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