Thursday, 22nd May 2025

घर में बिजली पैदा कर पा रहे बिल में छूट, फिर भी योजना फेल

Wed, May 24, 2017 7:09 PM

जबलपुर। कटंगा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी रिटायर्ड चीफ इंजीनियर आरआर दुबे घर की छत पर सोलर बिजली पैदा कर रहे हैं। बिजली को नेट मीटरिंग स्कीम में बेच रहे हैं। तीन माह हो चुके। अब तक जितनी बिजली घर में जली, उतनी ही वो बेच चुके हैं।

सप्लाई बंद होने पर घर में अंधेरा भी नहीं होता। इतने फायदे के बाद भी लोग इस स्कीम से नहीं जुड़ रहे हैं। 8 माह में सिर्फ 6 उपभोक्ताओं को ही बिजली कंपनी नेट मीटरिंग से जोड़ सकी है। इसकी वजह है उपभोक्ताओं को स्कीम की जानकारी न होना। कंपनी इसके फायदे बताने में नाकाम है। वहीं जो उपभोक्ता जुड़े हैं उनको भी कंपनी अब तक बिलिंग नहीं कर पा रही, क्योंकि बिलिंग सॉफ्टवेयर ही तैयार नहीं है।

सोलर बिजली बेचो, घर की बिजली फ्री-

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने नेट मीटरिंग स्कीम लागू की। उपभोक्ता घर में सोलर प्लांट लगाकर पैदा बिजली बेच सकता है या घर में उपयोग कर सकता है। बेची गई बिजली जितनी यूनिट होगी। बिजली कंपनी को बिजली बिल में उतनी यूनिट खपत में छूट देनी होगी।

उदाहरण के लिए जैसे महीने में उपभोक्ता ने 100 यूनिट बिजली बेची। बिजली कंपनी से 150 यूनिट बिजली की खपत की। तो उपभोक्ता को बिल में 100 यूनिट की छूट मिलेगी। सिर्फ 50 यूनिट का ही बिल देना होगा।

बिल एडजस्टमेंट ही नहीं बन रहा-

जबलपुर में बिजली कंपनी का मुख्यालय है। बिजली वितरण कंपनियों ने अब तक नेट मीटरिंग के लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर ही नहीं तैयार किया है। इस वजह से सोलर बिजली बेचने वाले उपभोक्ताओं को बिल जनरेट नहीं हो पा रहे हैं। रिटायर्ड इंजीनियर आरआर दुबे ने बताया कि फरवरी से सोलर बिजली पैदा हो रही है।

एक माह पहले तक 324 यूनिट बिजली बेची। घर में जितने यूनिट बिजली खपत हुई उसकी सोलर बिजली बेचकर भरपाई हो गई। रीडिंग लेने आए कर्मचारी को नेट मीटरिंग का ज्ञान नहीं। वह मीटर की फोटो ले गया, लेकिन अभी तक बिल जनरेट नहीं हो सका है।

750 यूनिट हर माह कर रहे पैदा-

सिविल लाइन रिज रोड निवासी रंजना गुप्ता ने घर में 5 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया है। इससे हर माह करीब 750 यूनिट बिजली पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेट मीटरिंग के जरिए एक्स्ट्रा बिजली ग्रिड से बिजली कंपनी को दे रहे हैं। इससे बिल की खपत में छूट मिलेगी। रंजना के बेटे दिव्येश गुप्ता खुद सोलर एनर्जी पर काम करते हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में सोलर एनर्जी का मार्केट है। पर्यावरण के लिए ग्रीन एनर्जी ही जरूरी है।

छूट के साथ ये फायदे भी-

- 21 हजार रुपए की छूट प्रति 1 किवा प्लांट में।

- 108 यूनिट मासिक उत्पादन की गारंटी 1 किवा के प्लांट से।

- 5 साल की निशुल्क रख-रखाव।

- उपभोक्ता को संपत्ति कर से मुक्ति।

-होम लोन की दर पर बैंक से लोन।

- नगर निगम में एफएआर गणना से मुक्त।

ये आएगी लागत-

क्षमता लागत उपभोक्ता के लिए

1 किवा- 76629 55629

2 किवा 153258 111258

3 किवा 229887 166887

4 किवा 306516 222516

5 साल में वसूल हो सकती है लागत-

1 किवा से औसत हर दिन 5 यूनिट बिजली पैदा होती है। 4 किवा का प्लांट लगाकर महीने में 432 यूनिट बिजली पैदा होगी। सोलर एनर्जी के एक्सपर्ट दिव्येश गुप्ता ने बताया कि पांच साल पैदा हुई बिजली को बेचकर करीब 214064 रुपए की कमाई कर सकते हैं। यानी प्लांट की लागत की राशि वसूल की जा सकती है।

कैसे मिलेगा छूट का फायदा-

नेट मीटरिंग स्कीम से जुड़ने के लिए बिजली वितरण केन्द्र में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आवेदन पत्र नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट से भी प्राप्त किया जा सकता है। 1 किवा क्षमता का प्लांट लगाने के लिए 100 वर्गफुट छत होना जरूरी है।

मध्यम वर्ग के लिए 2 किवा क्षमता का प्लांट सुविधा जनक है। आवेदन के साथ ऊर्जा विभाग के अधिकारी घर का निरीक्षण करते हैं। सबकुछ ठीक होने पर सोलर प्लांट लगाने वाली एजेंसी को काम के लिए अधिकृत करते हैं। इसका अलग मीटर बाजार से खरीदना होता है जो सोलर बिजली और घरेलू बिजली दोनों का रिकार्ड रखता है।

जबलपुर में 6, प्रदेश में 50 ही जुड़े-

जबलपुर शहर में महज 6 उपभोक्ता ही नेट मीटरिंग स्कीम से जुड़ सके हैं। प्रदेश में आंकड़ा 50 के पास ही पहुंचा है। सोलर प्लांट के डीलर डीके इलेक्ट्रिकल्स के मैनेजर ने बताया कि उनके पास अब तक 500 से ज्यादा पूछताछ नेट मीटरिंग से जुड़ी आ चुकी हैं, लेकिन लागत अधिक होने की वजह ज्यादातर पीछे हट जाते हैं।

- नेट मीटरिंग के लिए उपभोक्ता संपर्क करते हैं। उन्हें योजना के बारे में बताया जा रहा है। हाल ही में योजना आई है इसलिए ज्यादा उपभोक्ता जुड़ नहीं पाए हैं। - आरके स्थापक, एसई सिटी सर्किल

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