नवाज स्पीच की प्रैक्टिस करते रहे, ट्रम्प के सामने बोलने का मौका नहीं मिला: रिपोर्ट
Wed, May 24, 2017 6:41 PM
रियाद/इस्लामाबाद.रविवार को खत्म हुई सऊदी समिट के लिए शुक्रवार को जब नवाज शरीफ इस्लामाबाद से रियाद रवाना हुए तो पूरी फ्लाइट के दौरान उस स्पीच की रिहर्सल करते रहे जो उन्हें समिट में देनी थी। डोनाल्ड ट्रम्प भी समिट में शामिल हुए। आतंकवाद के शिकार देशों में भारत का नाम भी लिया, लेकिन पाकिस्तान का जिक्र भी नहीं किया। दूसरी ओर, समिट में भी छोटे-छोटे देशों को बोलने का मौका दिया गया, लेकिन नवाज शरीफ को नहीं। नवाज पर इस तरह के तंज पाक मीडिया और वहां के अपोजिशन लीडर्स कर रहे हैं। क्या है मामला...
- रियाद में रविवार को अरब इस्लामिक-अमेरिकन समिट हुई। इसमें पाकिस्तान समेत दुनिया के तमाम इस्लामिक मुल्क शामिल हुए। प्रेसिडेंट बनने के बाद ट्रम्प की यह पहली फॉरेन विजिट थी। अमेरिका ने पहले ही साफ कर दिया था कि मुख्य मुद्दा आतंकवाद रहेगा।
- पाकिस्तान ने सऊदी अरब से पहले ही गुजारिश की थी कि वो ट्रम्प और शरीफ की बाइलेटरल बातचीत की व्यवस्था करे। हालांकि, ये हो नहीं पाया।
- पाकिस्तानी अखबार ‘द नेशन’ के मुताबिक, नवाज शुक्रवार को जब रियाद के लिए रवाना हुए तो फ्लाइट में समिट में दी जाने वाली स्पीच की रिहर्सल करते रहे। लेकिन हद तो तब हो गई जब कई छोटे इस्लामिक मुल्कों के हेड ऑफ द स्टेट को तो बोलने का मौका दिया गया, लेकिन शरीफ को नहीं।
- पूर्व पाक आर्मी चीफ राहिल शरीफ अब इस्लामिक मिलिट्री कोएलिशन के चीफ हैं, उन्हें भी स्पीच देने के लिए इनवाइट नहीं किया गया।
हर कदम पर बेइज्जती
- पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, देश की बेइज्जती का सिलसिला यहीं नहीं रुका। ट्रम्प ने अपनी स्पीच में आतंकवाद के शिकार देशों में भारत, रूस और ऑस्ट्रेलिया तक का नाम लिया, लेकिन पाकिस्तान शब्द तक नहीं बोला। इतना ही नहीं, ट्रम्प ने साफ कहा कि किसी भी मुस्लिम देश को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों की पनाहगाह के लिए नहीं करने देना चाहिए। ये एक तरह की वॉर्निंग थी, क्योंकि ट्रम्प ने ये क्लियर कर दिया कि मुस्लिम देशों को इस बारे में वादा करना होगा।
- बता दें कि भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तानी नागरिकों का नाम सामने आ चुका है, फिर चाहे वो अमेरिका में 9/11 का हमला हो या फिर 26/11 के मुंबई हमले।
नवाज सऊदी अरब गए ही क्यों?
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान ने कहा- नवाज वहां क्या करने गए थे। ट्रम्प ने उनसे बातचीच करना तो दूर, हाथ मिलाना भी मुनासिब नहीं समझा। ये मुल्क की बेइज्जती नहीं तो और क्या है? अमेरिका भेदभाव कर रहा है, इससे हमें तकलीफ हुई है।पाकिस्तान के लोग बहुत निराश हैं।
- द नेशन में पाकिस्तान के एक सिक्युरिटी एक्सपर्ट सलीम बुखारी ने लिखा- ये कैसी समिट हुई? जहां एक न्यूक्लियर पावर जो खुद आतंकवाद का शिकार है, उसके हेड ऑफ द स्टेट को अपना नजरिया पेश करने का मौका तक नहीं दिया गया। हमारे भी 70 हजार नागरिकों ने जान गंवाई है।
- ‘डेली पाकिस्तान’ ने एडिटोरियल में कहा- 55 इस्लामिक देशों की समिट में बेहद छोटे मुल्कों ने बात रखी, पाकिस्तान को नजरअंदाज क्यों किया गया?
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