नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले पखवाड़े के भीतर एनपीए अध्यादेश को संचालित करने के लिए दिशा-निर्देशों को जारी कर सकता है। ताकि खराब ऋण (बैड लोन) की वसूली में तेजी लाई जा सके।
गौरतलब है कि बैड लोन (एनपीए) का आंकड़ा आठ लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए तैयार किए गए फ्रेमवर्क में एनपीए से संबंधित मुद्दों की पहचान के लिए एक अलग प्रकोष्ठ का गठन करना शामिल है। साथ ही इसमें निपटान प्रक्रिया के लिए एक निश्चित समयसीमा का प्रावधान भी होगा।
यह समयसीमा 60 से 90 दिन की हो सकती है। रिजर्व बैंक एक विशेष प्रकोष्ठ के गठन पर भी विचार कर रहा है, जो किसी कंपनी के पुनरोद्धार या अधिग्रहण से संबंधित मामलों की पहचान करेगा।
केंद्र सरकार की ओर से आरबीआई को बैंकों को दिवाला एवं शोधन की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार दिए जाने के बाद केंद्रीय बैंक ने एनपीए निपटान से जुड़े करीब 50 ऐसे मामलों की पहचान की है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया, “ऐसे मामले जिनकी पहले से ही संयुक्त उधारदाताओं फोरम (जेएलएफ) की ओर से जांच की जा चुकी है, लेकिन उसके बाद वो तार्किक निष्कर्ष तक नहीं पहुंचे हैं...रिजर्व बैंक ऐसे मामलों को उठाएगा और बैंकों से उनके निपटान को कहेगा।”
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