Thursday, 22nd May 2025

परिजन बोले- बेटी के शव से आंख निकाल ली, डॉक्टर बोले- छिपकली कुतर गई

Sun, May 21, 2017 6:43 PM

ग्वालियर। हम बिरला हॉस्पिटल से जब शव लेकर आए थे तो वह पूरी तरह सही था। पीएम हाउस में ही मेरी बेटी की आंख निकाली गई है। आप कह रहे हैं कि चूहे या छिपकली ने आंख खरोंच दी है। आपने क्या बेवकूफ समझा है, जब दांत ही नहीं होते तो छिपकली भला आंख कैसे खा सकती है। खनियाधाना थाना शिवपुरी में पदस्थ प्रधान आरक्षक बृजेश अवस्थी ने यह बात शनिवार को जयारोग्य अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में डॉक्टरों से कही।

उनकी बेटी रक्षा कटारे की जहरीला पदार्थ निगलने से शुक्रवार को बिरला हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। परिजन शव को शाम 4.15 बजे जेएएच के पीएम हाउस में रखवाकर गए थे। शनिवार को सुबह जब पहुंचे तो बेटी की सीधी आंख की जगह मांस दिखाई दे रहा था। मृतका के पिता का कहना है कि यदि अस्पताल प्रबंधन कहता तो वह आंखें दान कर देते, लेकिन इस प्रकार आंख निकालना मानव अंग तस्करी के समान है। परिजनों ने कंपू थाना प्रभारी महेश शर्मा को आवेदन भी दिया है। जेएएच में पीएम करने वाले तीन चिकित्सकों के पैनल में डॉ. एस. जुगरान, डॉ. वीएस तोमर एवं डॉ. मांझी शामिल हैं।

ससुरालियों पर लगाया प्रताड़ना का आरोपः

-रक्षा की शादी 7 साल पहले विकास कटारे निवासी मोहना से हुई थी।

-परिजनों ने सास एवं देवरों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

-परिजनों के मुताबिक बेटी जहर खिलाया गया या खाने को मजबूर किया गया था।

किसने क्या कहाः

एनके अवस्थी(ताऊ): जब हम शव रखकर गए तो उसकी दोनों आंखें सही थीं।

डॉक्टरः आंख तो अब भी पूरी तरह सही है।

परिजनः पूरी आंख निकाल ली गई है, आप कह रहे हैं कि सही है।

डॉक्टरः आंख का रेटिना सही है। छिपकली या चूहे ने ऊपर से आंख पर खरोंच मार दी है।

परिजनः हम तो पीएम हाउस में बॉडी रखकर गए थे, शव सुरक्षित रखना तो आपकी जिम्मेदारी थी।

डॉक्टरः 16 डेडबॉडी फ्रीज में पहले से रखी थीं। इसलिए शव खुले में रखना पड़ता है। यहां पर नालियां होने के कारण छिपकली एवं चूहे अंदर आ जाते हैं।

परिजनः आप हमें बेवकूफ समझते हैं। छिपकली के दांत नहीं होते तो वह भला कैसे खा सकती है।

डॉक्टरः ऐसा नहीं है, छिपकली सॉफ्ट हिस्सों को खाती है। हालांकि, यहां आंख पर केवल खरोंच ही आई है।

पीएम की संख्या बढ़ीः

-ग्वालियर में जिला अस्पताल में नहीं होता पोस्टमार्टम, अधीक्षक कई बार लिख चुके हैं पत्र।

-अप्रैल में 139 तथा बीते 10-15 दिन में 100 से अधिक पीएम हो चुके हैं।

-फ्रीजर कम होने से डेडबॉडी को खुले में रखना पड़ता है।

गर्मी में फ्रीजर भी बेकारः

पीएम हाउस में फ्रीजर टीनशेड के नीचे रखे हुए हैं। ऐसे में गर्मी में जब टीनशेड तपता है तो फ्रीजर की ठंडक भी बेकार हो जाती है। कूलर नहीं रखे गए तो डेडबॉडी खराब होने की आशंका बनी रहेगी।

क्या कहते हैं जिम्मेदारः

परिजनों की शंका को देखते हुए तीन चिकित्सीय दल से पीएम करवाया गया है। पीएम करने वाले डॉक्टरों ने बताया है कि मृतका महिला की आंख सुरक्षित है। हालांकि, बाहरी तौर पर चोट या कुतरने का घाव था। संभवतः यह किसी छिपकली या चूहे द्वारा किया गया है। बॉडी को सुरक्षित रखने की जाली टूट गई थी, उसको रिपेयर कराया जा रहा है।

डॉ. जेएस सिकरवार, अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल

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