इंदौर। एक अनाथालय में आठ महीने रहने के बाद जब तीन साल के मासूम धीरज को अचानक पिता नजर आए तो वह आश्चर्य में पड़ गया। वह हंसे या रोए क्या करें कुछ समझ नहीं पाया। दौड़कर पिता के पास गया और सिर्फ इतना ही कह पाया पापा मुझे क्यों छोड़ दिया था।
दरअसल धीरज को हनुमान मंदिर नवलखा स्थित फूल की दुकान पर एक महिला छोड़कर चली गई थी। हफ्तेभर तक एक सरकारी अधिकारी के घर में रहने के बाद उसे बाल कल्याण समिति के आदेश पर संस्था में रखवा दिया था। नईदुनिया ने 5 मई को परिवार से जुदा बच्चों के संबंध में 'किडनेपर ने छोड़ा, या अपनों से बिछड़ें, मासूमों को नहीं पता" खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
इस बारे में हाल ही में खंडवा रोड पर रहने वाले तूफानसिंह को परिचित ने जानकारी दी। टाइल्स लगाने का काम करने वाले तूफानसिंह को दौड़ा दौड़ा आश्रम पहुंचा। पहले तो पिता को यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसका ही बेटा है लेकिन धीरज पिता को देखते ही दौड़कर उनके पास आकर लिपट गया।
पिता ने बताया कि पत्नी किसी के साथ भाग गई थी और साथ में धीरज को भी लेकर गई थी। हम अब तक यहीं समझ रहे थे कि बच्चा अपनी मां के पास ही है लेकिन यह नहीं सोचा था कि छोड़कर भाग गई होगी। मां का भी कुछ अता पता नहीं है। बाल कल्याण समिति ने पिता को बच्चे के पहचान व रिश्ते के संबंध में प्रमाण देने के आदेश दिए है। इसके बाद बच्चे को पिता को सौंपा जाएगा।
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