Thursday, 22nd May 2025

जवान के पेट में बम रखने वाले नक्सलियों को 25-25 लाख, शहीदों को 5-10 लाख

Sun, May 21, 2017 5:29 PM

रांची.दुर्दांत नक्सलियों के सिर पर जितना बड़ा इनाम, सरेंडर करने पर उन्हें उतना ही बड़ा तोहफा। झारखंड सरकार की तरफ से उन्हें जमीन, घर, नौकरी, शिक्षा और 25 लाख रु. तक बांटे जा रहे हैं। वहीं, देश के लिए जान देने वाले शहीदों के परिवार को सरकार महज 5 से 10 लाख रुपए और भरोसा ही दे रही है। DainikBhaskar ने ऐसे ही 5 शहीदों के गांव जाकर उनके घर वालों से बात की। उनसे पूछा कि राज्य सरकार ने अब तक आपके लिए क्या किया है। क्या नक्सलियों के लिए सरेंडर पॉलिसी ठीक है? तो जवाब सरकार को सोचने पर मजबूर कर देने वाला मिला। शहीदों के परिवारों में गुस्सा है, क्योंकि उनकी इकोनॉमिक कंडीशन आज भी अच्छी नहीं है। 7 साल में सरेंडर पॉलिसी पर 3.30 करोड़ रु. हुए खर्च...
 
 
- दरअसल झारखंड सरकार ऑपरेशन 'नई दिशा' चलाती है, जिसमें वो नक्सलियों का सरेंडर करवाती है। यह ऑपरेशन 18 फरवरी 2008 को शुरू हुआ था। दो साल तक एक भी नक्सली ने इस स्कीम के तहत सरेंडर नहीं किया।
- 2010 से अब तक करीब 150 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। इनमें से 125 नक्सलियों ने नई दिशा के तहत सरेंडर किया। पिछले 7 साल में सरेंडर पॉलिसी पर राज्य सरकार ने 3.30 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च किया है।
 
1. शहीद हवलदार प्रभु सहाय तिर्की: अप्रैल 2017 को करगिल एवलान्च में शहीद हुए।
 
बच्चों के स्कूल की फीस भी नहीं माफ हुई
- झारखंड के इटकी का सेमरा गांव। शहीद प्रभु सहाय तिर्की के छोटे भाई जोन तिर्की बताते हैं कि राज्य सरकार ने दो किस्तों में 5 लाख दिए। ऐसा लगा कि भीख दे रहे हैं। पहले दो लाख रुपए फिर गांव वालों के विरोध के बाद 3 लाख रुपए और।
- "भाभी सुचिता को दो बेटे हैं। इतने पैसे से उनका कितना फ्यूचर बनेगा। केंद्र सरकार ने नौकरी का ऑफर दिया है। भाभी उसके लिए सोच रही हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कुछ और नहीं मिला। बच्चों की फीस भी नहीं माफ हुुई। निराशा होती है जब राज्य सरकार नक्सलियों को 15-15 लाख रुपए बांटती है।"
- "6 अप्रैल 2017 को जब एवलान्च में प्रभु कई फीट नीचे तक बर्फ के साथ सरकते रहे। इसी दौरान उन्होंने वायरलेस से कमांड सेंटर पर एवलान्च की जानकारी दी। फिर 18 फीट अंदर दब गए। उनकी जानकारी से 2 जवानों की जान बचाई गई।"
 
दुर्दांत हत्यारा कान्हू मुंडा
- सरेंडर : 16 फरवरी 2017
- सिर पर इनाम : 25 लाख
- सरकार ने दिए : 25 लाख
- कितने मामले दर्ज : 47
 
सबसे जघन्य अपराध
- कान्हू मुंडा ने 2000 में बीडीओ प्रशांत लायक को किडनैप किया था।
- 2016 में कोकपाड़ा स्टेशन पर लाेकल ट्रेन में लूट भी की थी। पुलिसकर्मियों के घर की कुर्की करता था।
- मुसाबनी में सीआरपीएफ कैंप में बम लगाने जैसे गंभीर अपराध में भी शामिल रहा है ये दुर्दांत नक्सली।

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