इंदौर। जिले में इस साल दसवीं का रिजल्ट भले ही 54 प्रतिशत रहा, लेकिन शहर से करीब 25 किमी दूर ग्राम पेडमी के सरकारी हाई स्कूल में शत प्रतिशत रहा। यहां दसवीं कक्षा में 14 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें 13 प्रथम श्रेणी में पास हुए।
प्राचार्य लिली डावर के मुताबिक तीन हजार जनसंख्या वाले इस गांव में ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग हैं। कुछ साल पहले तक बच्चे स्कूल आने से कतराते थे। वर्तमान में यहां न सिर्फ इस गांव के, बल्कि आसपास के गांवों से भी बच्चे आ रहे हैं। पिछले साल भी स्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा था। इस वर्ष 9वीं में 65 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया। इस साल दसवीं में 11 छात्र और तीन छात्राएं शामिल हुई थीं।
दिव्यांग पास हो गए, सामान्य हुए फेल
बड़ा गणपति स्थित सुभाष उच्चतर मा. विद्यालय से 12वीं कक्षा के कला संकाय में 12 छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 8 दिव्यांग (दृष्टिबाधित) और 4 सामान्य थे। रिजल्ट ने यहां के शिक्षकों को चौंका दिया। आठों दिव्यांग पास हो गए, जबकि चारों सामान्य विद्यार्थी फेल हो गए।
प्राचार्य रामेश्वर गुप्ता के मुताबिक दिव्यांग छात्रों की स्मरण शक्ति सामान्य विद्यार्थियों के मुकाबले अच्छी होने से यह संभव हो सका। सभी 12 छात्रों ने नियमित के रूप से फॉर्म भरा था, लेकिन मंडल ने इन्हें प्राइवेट बता दिया गया। इस संबंध में मंडल को पत्र लिखेंगे।
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