जाधव केस पर सुनवाई आज, 18 साल बाद ICJ में आमने-सामने होंगे भारत-पाक
Mon, May 15, 2017 5:57 PM
नई दिल्ली. कुलभूषण जाधव मामले में सोमवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में सुनवाई होगी। भारत-पाकिस्तान 18 साल बाद किसी केस में इंटरनेशनल कोर्ट में होंगे। इससे पहले 1999 में भारत ने पाक नेवी के एक एयरक्राफ्ट को मार गिराया था। इस मामले को लेकर पाकिस्तान ICJ पहुंचा था। इस बार भारत की ओर से अपील की गई है। सुनवाई की लाइव ब्रॉडकास्टिंग होगी...
- भारत ने 8 मई को आईसीजे में पिटीशन लगाकर जाधव के लिए इंसाफ मांगा था।
- भारत का कहना है कि उसने 16 बार जाधव से मुलाकात के लिए पाकिस्तान से काउंसलर एक्सेस मांगा। लेकिन हर बार इसे खारिज कर दिया गया। यह वियना ट्रीटी के खिलाफ है।
- 15 मई को नीदरलैंड्स के हेग में ICJ के हेडक्वार्टर में इस केस की सुनवाई को यूएन के वेब टीवी पर लाइव ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। इसे ICJ की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। यूएन के भारत स्थित इन्फॉर्मेशन सेंटर ने यह जानकारी दी है।
- बता दें कि नीदरलैंड्स के हेग में मौजूद ICJ यूनाइटेड नेशन्स की ज्यूडिशियल ऑर्गन है।
अभी क्या है मामला?
- पाक की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। इंडियन नेवी से रिटायरमेंट के बाद वे ईरान में बिजनेस कर रहे थे। हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च 2016 को अरेस्ट किया गया था।
18 साल पहले क्या हुआ था?
- 10 अगस्त 1999 को इंडियन एयरफोर्स ने गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान नेवी के एक एयरक्राफ्ट एटलांटिक को मार गिराया था। इसमें सवार सभी 16 सैनिकों की मौत हो गई थी।
- पाकिस्तान का दावा था कि एयरक्राफ्ट को उसके एयरस्पेस में मार गिराया गया। उसने इस मामले में भारत से 6 करोड़ डाॅलर मुआवजा मांगा था। ICJ की 16 जजों की बेंच ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया।
PAK फैसला मानने से मना कर सकता है
- पाक जाधव के मामले में ICJ का फैसला मानने से इनकार कर सकता है। पाक मीडिया ने इसके दो आधार बताए हैं। पहला, इस मामले से सीधे पाक की नेशनल सिक्युरिटी का मुद्दा जुड़ा है। लिहाजा, इसमें ICJ के अधिकार क्षेत्र की बात मंजूर नहीं की जा सकती। दूसरा, भारत-पाक कॉमनवेल्थ देश हैं, लिहाजा इनके बीच के मामले की सुनवाई इंटरनेशनल कोर्ट में नहीं हो सकती।
ह्यूमन राइट्स के एंगल पर हो सकती है सुनवाई
- दूसरी तरफ, पाक के न्यायविद अली नवाज चौहान का कहना है कि भारत-पाक के कॉमनवेल्थ कंट्री होने के बावजूद ICJ इस मामले को अपने अधिकार क्षेत्र का बता सकता है, बशर्ते इसे ह्यूमन राइट्स के तौर पर उठाया जाए। चौहान 2005-09 तक ICJ में जज थे।
भारत ने ICJ में क्या की है अपील?
- इंटरनेशनल कोर्ट में भारत की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने 8 मई को पिटीशन दायर की थी। भारत ने यह मांग की थी कि भारत के पक्ष की मेरिट जांचने से पहले जाधव की फांसी पर रोक लगाई जाए। भारत ने 4 मांग की थी।
1. फांसी की सजा तुरंत सस्पेंड की जाए।
2. सजा को इंटरनेशनल लॉ और वियना कन्वेन्शन का वॉयलेशन घोषित करें।
3.सजा पर अमल से पाक को रोकें। पाक कानून के तहत ही रद्द करवाएं।
4. पाक सजा रद्द नहीं करता है, तो इसे इंटरनेशनल लॉ और ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन घोषित करें।
ICJ ने पाक को दिए हैं 3 इंस्ट्रक्शन
1. सरकार तय करे कि जाधव को फांसी न हो।
2. सरकार जो भी कदम उठाए, उसकी जानकारी हमें दे।
3. ऐसा कदम न उठाएं, जो जाधव के अधिकारों का हनन करे।
पाक ने गिरफ्तारी की जानकारी भी नहीं दी
- भारत का यह भी कहना है कि पाक ने जाधव की गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक भारत को इसकी जानकारी नहीं दी। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने जाधव को उनके हकों से दूर रखा। भारत की कई बार अपील के बावजूद उसे जाधव तक राजनयिक पहुंच की इजाजत नहीं दी गई, जो उनका हक है।
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