इंदौर,। सरकार द्वारा स्टेंट की कीमत तय करने के बाद से मल्टी नेशनल कंपनियों द्वारा प्रदेश सहित देशभर के अस्पतालों से महंगे स्टेंट गायब होने या कंपनियों द्वारा वापस बुला लिए जाने की घटना के बीच नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए ) ने नया आदेश जारी कर दिया है।
28 अप्रैल 2017 को डिप्टी डायरेक्टर आर. निहाल पेड्रिक के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक स्टेंट बनाने वाली हर कंपनी को हर सप्ताह प्रोडक्शन रिपोर्ट देना होगा। इसमें कंपनी को यह बताना अनिवार्य होगा कि कितने स्टेंट मैन्यूफैक्चर किए गए, कितने आयात हुए और कितनी सप्लाई की गई।
स्टेंट की एक्सपायरी डेट खत्म होने में दो सप्ताह बाकी हो, उसी स्थिति में कंपनी अस्पतालों में रखे गए स्टेंट वापस बुलवा सकती है। उल्लेखनीय है कि स्टेंट की अधिकतम कीमत 29, 600 रुपए तय कर दिए जाने के बाद से सरकार और स्टेंट निर्माता मल्टीनेशनल कंपनियों के बीच जंग तेज हो गई है।
भारतीय बाजार में 60 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने वाली तीन बड़ी कंपनियों में अबॉट, मेडट्रोनिक और बोस्टन साइनटिफिक कॉर्पोरेशन ने इतने कम दाम में स्टेंट उपलब्ध न करवा पाने की बात कही है। डॉक्टरों और अस्पतालों की मानें तो कंपनियों ने 29, 600 रुपए से ऊपर और अब तक बेहतर बताए जाने वाले स्टेंट की सप्लाई लगभग रोक दी है। अस्पतालों में जो स्टॉक था, उसे बहाने से वापस बुला रहे हैं।
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