श्योपुरः संकल्पशक्ति प्रबल हो तो विकास पथ की रुकावटें स्वत: दूर हो जाती हैं। इसका उदाहरण देखना है तो मध्य प्रदेश में श्योपुर जिले के गांव सोईकलां चले आइए। बीए पास गांव के सरपंच हरिसिंह मीणा ने चार महीने में ही गांव की दशा बदल दी है। सरकारी धन के सदुपयोग से गांव में स्वच्छता को लेकर कई नवाचार किए गए हैं। शहरों की तर्ज पर गांव में सफाईकर्मी घर-घर जाकर कचरा संग्रहण कर रहे हैं। प्रत्येक भवन स्वामी से प्रति माह निर्धारित कचरा शुल्क लिया जा रहा है। सरपंच के प्रयास से गांव में 35 वर्ष पुराने कचरे के पहाड़ को खत्म करके बच्चों के लिए पार्क तैयार किया जा रहा है। अपने संसदीय क्षेत्र के इस गांव के नवाचारों को देखकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सरपंच सराहना भी कर चुके हैं।
सरपंच हरिसिंह मीणा कहते हैं कि यह जिम्मेदारी मिलने पर उनका उद्देश्य गांव का विकास कराना है। अगर ईमानदारी से विकास कार्य कराए जाएं तो गांव भी शहर की तरह दिखाई देंगे। रात में गांव दूधिया रोशनी से नहाता दिखाई देता है। यही वजह है कि आसपास की पंचायत के लोग इसे देखने आते हैं। आगामी कार्ययोजनाओं में सरपंच यहां युवाओं के लिए खेल का मैदान एवं उच्च शिक्षा के लिए व्यवस्था करेंगे। गांव में किसी गरीब परिवार में मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी व अन्य सामान उपलब्ध करवाने का भी प्रयास पंचायत कर रही है। गांव की हर गली पक्की करने के लिए सीसी रोड व नाली निर्माण कराने के साथ हर वार्ड में कचरा सेट बनवाना और हर घर से गाड़ी से कचरा उठवाना पंचायत की प्राथमिकताओं में शामिल है।
मप्र के श्योपुर के कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि सोईकलां में विकास योजनाओं पर बहुत अच्छा काम हुआ है। सरपंच के संकल्प को पूरा करने के लिए ग्रामीण भी मदद कर रहे हैं। सोईकलां आदर्श ग्राम बनने की ओर अग्रसर है। आसपास की पंचायतों में भी यह माडल अपनाया जाएगा।
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